सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले से जुड़े मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कई आरोपियों को जमानत प्रदान कर दी। इनमें टामन सोनवानी के पुत्र साहिल सोनवानी और नितेश सोनवानी, बजरंग स्पात कंपनी के निदेशक का पुत्र शशांक गोयल तथा भूमिका कटियार शामिल हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, सिद्धार्थ अग्रवाल और शशांक मिश्रा ने रखा।यह मामला छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की परीक्षाओं में कथित धांधली और अनियमितताओं से संबंधित है।
जांच एजेंसियों के अनुसार, आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, आरती वासनिक, ललित गणवीर सहित कई अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग किया। आरोप है कि इन अधिकारियों ने प्रश्नपत्र लीक कर अपने रिश्तेदारों और परिचितों को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए परीक्षा पास करवाई। इनमें से कई उम्मीदवार बाद में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य उच्च प्रशासनिक पदों पर नियुक्त हुए। राज्य सरकार ने फरवरी 2024 में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया। इससे पहले, जुलाई 2023 में सीबीआई ने 2020 से 2022 के बीच आयोजित CGPSC परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों की जांच शुरू की थी।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपने भतीजों को लाभ पहुंचाने के लिए भर्ती नियमों में जानबूझकर बदलाव किया। उन्होंने नियमों में ‘रिश्तेदार’ शब्द को ‘परिवार’ से बदल दिया, ताकि अपने संबंधियों के लिए चयन प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।