Superstition Eradication Committee : निसंतान को चमत्कारिक उपचार से संतान देने का दावा करने वाले बूटीपाली के बाबा पर कार्यवाही हो :  डॉ. दिनेश मिश्र

Superstition Eradication Committee

Superstition Eradication Committee : ग्रामीण अंधविश्वास में न पड़ें : डॉ. दिनेश मिश्र

 

 

Superstition Eradication Committee : रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने कहा महासमुन्द जिले के ग्राम बूटीपाली में निसंतान दंपत्ति को संतान दिलाने के नाम पर गुमराह करने, भ्रम में डालने, अंधविश्वास फैलाने का मामला सामने आया है.जो प्राकृतिक एवम चिकित्सा विज्ञान के भी पूर्णत विपरीत एवम ग्रामीण जनों को धोखे में डालने वाला है. ऐसे व्यक्ति की जॉच कर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए. डॉ मिश्र ने जिलाधीश एवम अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिख कर कार्यवाही की मांग की है.

डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा ग्राम बूटी पाली महासमुंद में पीतांबर जगत नामक व्यक्ति,उम्र करीब 40 वर्ष शिक्षा पांचवी, कुछ दिनों से अपना दरबार लगा रहा है और लोगों को नीबू खिलाकर झाड़ फूंक कर निसंतान दंपत्ति को संतान दिलाने,बीमारियों को ठीक करने के दावे कर रहा है,
उक्त व्यक्ति पीताम्बर जगत के जो दावे हैं जो चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से अप्रामाणिक एवं झूठे हैं, जिन दावों की चर्चा उसने खुद वीडियो में भी की है यह वीडियो भी संलग्न है, फिर भी उन दावो की जानकारी निम्न अनुसार है

1. उक्त बाबा पीतांबर जगत का दावा है कि उसके द्वारा खिलाए गए प्रसाद नींबू खिलाने के 15 मिनट में निसंतान दंपतियों में गर्भधारण हो जाता है .
2. उस व्यक्ति दरबार में जो भी महिला जाती है ,जिसका कथित गर्भधारण होता है यदि वह सोनोग्राफी कराया जाएगा तो गर्भ नहीं दिखाई देगा , जबकि चिकित्सा विज्ञान में लेकिन अगर किसी भी व्यक्ति की सोनोग्राफी की जाती है तो उसके शरीर में जो भी तत्व, अंग हैं उसकी जानकारी निश्चित रूप से होती है.

3 यह बाबा लोगों को गुमराह कर रहा है कि इसके इलाज से चार से पांच महीने में भी तीन चार किलो वजन का स्वस्थ बच्चा पैदा हो सकता है जबकि अगर कोई बच्चा 9माह के समय के पहले पैदा होता है , यहां तक छठवें सातवें महीने में भी पैदा होता है तो वह प्री मेच्योर डिलीवरी मानी जाती है जिसमें बच्चों को हाई रिस्क होता है उसे संक्रमण का खतरा होता है.

 

4 उक्त बाबा का यह भी दावा है कि उसके आशीर्वाद से कोई भी उम्र दराज महिला भी गर्भवती हो सकती है ,इसमें उम्र का कोई बंधन नहीं है 50 वर्ष की उम्र से ऊपर की महिला भी गर्भवती हो सकती है जिसका मासिक धर्म भले बंद हो चुका हो .

5.उक्त बाबा का एक और दावा है कि उसके आशीर्वाद से गर्भ धारण भी होगा लेकिन मासिक धर्म भी चलता रहेगा जो कि बिल्कुल ही दोनों प्रसूति विज्ञान के विपरीत बातें हैं जब किसी महिला गर्भवती होती है तो उसकी मासिक धर्म बंद होता है और उसके शरीर में गर्भ पलता बढ़ता है और मासिक धर्म दुबारा तभी शुरू होता है वह बच्चा पैदा हो जाता है.

6. बाबा का दावा है कि चार महीनेऔर उससे भी छोटे बच्चों को भी चला सकता है

7. कथित रुप से गर्भधारण के बाद भ्रूण के पेट में मूवमेंट होने की बात भी फर्जी है प्रारम्भ में बच्चे में हृदय, फेफड़ा मस्तिष्क विकसित ही नहीं होती है इसलिए उसके जो हिलने डुलने और मूवमेंट का दावा बिल्कुल ही गलत है.8. यह व्यक्ति दावा करता है कि लड़के पैदा होने के लिए अलग दवा दे तो लड़की पैदा होते हैं ,कुछ लोगों को उसने बिना किसी जांच के भी को कह चुका है कि वह न केवल गर्भावस्था बल्कि उनका डिलीवरी का समय और दिन भी बता सकता है .

9 उक्त बाबा पीताम्बर ने कुछ महिलाओं को गर्भ में जुड़वा बच्चे होने का दावा किया है जो बिना सही जांच, सोनोग्राफी के नहीं बताया जा सकता
उक्त कथित बाबा ने उसने कुछ अन्य बीमारियों के बारे में भी झाड़ फूंक करके ठीक करने की दावे किए हैं.
साथ में वीडियो संलग्न है.

Superstition Eradication Committee : उक्त बाबा पीतांबर जगत के इस प्रकार के भ्रामक दावों से न केवल हजारों की संख्या में ग्रामीण जमा हो रहे हैं बल्कि वह भ्रमित हो रहे हैं और संतान की आस में उसके पास आते हैं और वह उन्हें उनमें भ्रम एवं अंधविश्वास फैल रहा है .

डॉ दिनेश मिश्र ने कहा इंडियन ड्रग एंड मेडिक रेमेडी एक्ट 1954 की दृष्टि में इस प्रकार संतान हीनता एवं अन्य बीमारियों के तथाकथित चमत्कारिक उपचार का जो दावा है जो यह पूरी तरह से गलत, अवैज्ञानिक है !

कुछ समय पहले हाथरस और अन्य स्थानों में ऐसे ही अन्य बाबाओं के द्वारा चमत्कारिक दावों के प्रचार,भीड़ जमा होने से भगदड़ व दुर्घटनाएं हुई है और जान माल की हानि हुई है . महासमुंद के जिलाधीश,पुलिस अधीक्षक, एवम मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिख कर उपरोक्त मामले की जांच करके आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की गई है ताकि ग्रामीण जन अंधविश्वास और धोखाधड़ी से बचाए जा सके !

 

डॉ. दिनेश मिश्र
नेत्र विशेषज्ञ,
अध्यक्ष अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति.

 

: