street vendors law 2014 मई 2018 को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का नगर निगम कर रहा उल्लंघन : बंदोपाध्याय
street vendors law 2014 रायपुर । पथ विक्रेता कानून 2014 का उलंघन करते हुए प्रदेश में बुलडोजर प्रशासन शहरी गरीब मजदूरों पर कहर ढहाया जा रहा है तथा पथ विक्रेताओ को उनके एक मात्र आजीविका छीनकर बुलडोजर के सामने असहाय कर दिया जो एक गैर मानवीय और अलोकतांत्रिक कार्यवाही है।
शहर की भौगोलिक क्षेत्र और जनसँख्या का घनत्व बढ़ते रहने के साथ शहरी अर्थव्यवस्था भी बढ़ती है, जिसमे पथ विक्रेताओ की अहम् भूमिका और असिमित योगदान है।
street vendors law 2014 पथ विक्रेता शहर का अलंकार है, जहां दिनों दिन ग्रामीण भौगोलिक क्षेत्र शहर में तब्दील होती जा रही है और शहर की जनसँख्या भी तेजी से बढ़ रही है, शहरी ग्राहकों को आवश्यक सेवा पहुँचाने एवं उनकी जरूरतों की पूर्ति करने के लिए ठेले खोमचे की संख्या में भी वृद्धि होगी। जिसकी सुव्यवस्थित एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ नियंत्रित करना शहरी शासन व प्रशासन की जिम्मेदारी है, पिछले 04 दिसम्बर 2023 से लगातार यातायात बाधित एवं बाधारहित पथ व्यवस्था बनाने की मिशन लेकर अभियान के नाम पर पथ विक्रेताओ के दिलो दिमाग में डर पैदा करने की साजिश है और यह एक अलोकतांत्रिक प्रशासनिक प्रक्रिया है।
street vendors law 2014 नगरीय सुशासन के एक अहम् भूमिका है कि नागरिक भयमुक्त भूख मुक्त हो कर संविधान की संरक्षण में जीवनयापन करें। एक सरकार गई और एक सरकार आई और नई सरकार ने अभी तक शपथ भी नहीं लिया है, इस बिच शहरो के ठेले खोमचो पर प्रशासनिक संरक्षण में ताबड़तोड़ विस्थापन के पीछे क्या प्रशासनिक जवाबदारी रही इसका खुलासा भी होना चाहिए। शहर के व्यस्ततम पथ से ठेला खोमचो को नीति नियम के साथ भी यह सफाई कार्य किया जा सकता था तथा अपेक्षा करते है की पथ विक्रेताओं का पुनर्वास भी मानवीय एवं आर्थिक संवेदना से होना चाहिए।
पथ विक्रेता कानून 2014, यूपीए में बना हुआ कानून है जिस पर भाजपा काल में इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ तथा राज्य में कॉग्रेस काल में भी सर्वे, सर्टिफि केट वितरण, व्यवहारिक रूप से पथ विक्रेताओं का वेंडिंग करने का वातावरण नहीं बनाया गया एवं वेंडिंग जोन भी नहीं बनाया गया।
उक्त जानकारी प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में सामाजिक कार्यकर्ता बीरेन्द्र पाण्डेय गौतम बंदोपाध्याय एवं पत्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष अशोक सिंह एवं जयेन्द्र झा ने दी।