पटना के एक प्राइवेट टिनी टॉट एकेडमी स्कूल में 4 साल के बच्चे की हत्या का खुलासा हुआ हैं। इस वारदात को अंजाम वही के प्रिंसिपल और उसके बेटे ने दी है। मासूम को स्कूल के गटर में फेक दिया गया। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हैं।
बता दे की गुरुवार देर रात करीब 3 बजे आयुष का शव बरामद किया गया । क्लास रूम के अंदर ही गटर में उसकी डेड बॉडी मिली थी।वो इसी स्कूल में और इसी क्लास नर्सरी में पड़ता था। शव मिलने के बाद आयुष की माँ का रो रोकर बुरा हाल हैं।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
पुलिस के पूछताछ के बाद आरोपी स्कुल की प्रिंसिपल विणा झा ने बताया की आयुष खेलते हुए गिर कर स्लाइडर से टकरा गया और ज्यादा खून बहने लगा। जिससे वह बेहोश हो गया उसके सिर में चोट लग गयी। हम दोनों बहुत डर गए। मैंने धनराज (21) को बताया। हम दोनों ने मिलकर पहले खून के धब्बे हटाए फिर आयुष को गटर में डाल दिया। हमें लगा किसी को पता नहीं चलेगा,और हम बच जाएंगे।
घटना के दिन आयुष सुबह 7 बजे स्कूल जाता है, उसकी मम्मी अपने हांथो से चीनी भात खिलाती हैं आयुष कहता है मम्मी आज तुम मत जाओ बैग दादी को दे दो वो छोड़ने जाएगी। और उसके दादा दादी सस्कूल बस तक आयुष को छोड़ने के लिए जाते हैं। आयुष की 12 बजे स्कूल से छुट्टी होने के बाद फिर वह 1:30 बजे उसी स्कूल में कोचिंग करता है । कोचिंग के बाद आयुष 3 बजे के बाद घर लौट जाता है। परन्तु वह उस दिन घर नहीं जाता। आयुष के पिता को 3. 30 बजे स्कूल से फ़ोन आता है की आपका बच्चा नहीं मिल रहा है। बस के ड्राइवर ने कहा की मैंने स्कूल तक छोड़ा था। फिर परिवार वाले स्कूल जाकर CCTV देखते हैं । जिसमे 10 मिनट का फुटेज गायब हैं ।
बहन ने बताया आयुष को कैसे मारा
आयुष की 5 साल बहन भी उसी स्कूल में पड़ती है आयुष के साथ होने वाली पूरी घटना को उसने आँखों से देखा। उसने बताया की धनराज सर ने आयुष को पहले गटर में डाल दिया और ऊपर से ढक्कन लगा दिया। इसके बाद उस पर प्लास्टिक का बोरा रख दिया और वहां से निकलते हुए गेट को बंद कर दिया लेकिन धनराज (21) ने उसके धमका कर चुप करा दिया और कहा की अगर उसने घर में किसी को बताया तो उसकी ख़ैर नहीं। डरकर उसने घर में किसी को कुछ नहीं बताया।
शक के आधार पर गटर का ढक्कन खोला गया
पुलिस ने खोजबीन के दौरान CCTV कैमरा को खंगाला तो देखा की कुछ देर पहले आयुष खेलता हुआ दिखाई दे रहा है उसके बाद के 10 मिनट के वीडियो को काटकर उसके साथ छेड़छाड़ हुआ है। शक के आधार पर शुक्रवार की सुबह 3 बजे पुलिस आयुष के परिवार वालों के साथ स्कूल जाती है। पुलिस ने क्लास के अंदर जो गटर है उसको खोलकर देखा तो हक्का बक्का रह गए। वहां आयुष की लाश तैरती हुई मिली। पुलिस ने शव को बाहर निकाला। परिवार वालों का रो रोकर बुरा हाल हो गया था । शव को निकालते ही सभी शिक्षक भी भाग चुके थे।
आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल किया
SP चंद्र प्रकाश ने कहा की आयुष खेलने के दौरान चोट लगी थी। ज्यादा खून निकलने लगा तो प्रिंसिपल और उसका बेटा डर गया। उन्होंने बच्चे को अस्पताल नहीं भेजा, बल्कि गटर में डाल दिया। इससे उसकी मौत हो गयी। दोनों ने घटना में अपनी संलिप्पता स्वीकार की हैं। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद लोगों को समझाया और भीड़ को स्कूल से हटाया।