Bhanupratappur News : संगीतमय शिवपुराण कथा के छठवें दिन
Bhanupratappur News : भानुप्रतापपुर। भगवात कथा केवल पितरों का उद्धार करती है,जबकि शिव कि कथा तो सात पीढ़ी के पूर्वजों का उद्धार करती है।
पूर्वजो एवं साई समिति के पुण्य का उदय हुआ है इसलिए भानुप्रतापपुर में शिव पुराण की गंगा बह रही है। इस गंगा में गोता लगाकर आप सभी भक्तगण अपने जीवन को सार्थक बनाये।
स्थानीय साई मंदिर में श्रावण के पावन महीने में 18 जुलाई से संगीतमय शिव कथा पुराण का आयोजन हो रहा है,आज शनिवार छठवा दिन रहा पंडित अनिल महाराज जी ने शिव कथा के माध्यम से बताया कि कथा सुनने व श्रवण करने से ज्ञान व सिख तो मिलती है, वही जीवन भी सार्थक हो जाती है।
आज के कथा में माता पार्वती, माता सीता,माता तुलसी,दानव ताड़का वध कार्तिक के द्वारा एवं उनके तीन पुत्र ताड़काक्ष , बिंदुमाली, कमलाक्ष का वध भगवान शिव के हाथों की गई कथा बताई गई।
भगवान शिव का पशुपतिनाथ नाम क्यो पड़ा ये भी कथा के माध्यम से बताई गई।
पंडित जी ने कहा कि जहा पर शिव कथा हो रही है, वहा पर प्रयागराज के मा गंगोत्री स्वयं बहती हुई भानुप्रतापपुर पहुची है।
सभी प्रमुख जीवनदायिनी मुक्तिदायनी नदी गंगा के साथ ही यमुना, सरस्वती, कावेरी, ताप्ती एवं नर्मदा नदी का आह्वान किया गया है।
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शिव पुराण कथा में उल्लेख है कि यदि कोई प्राणी यदि 10 मिनट भी कथा स्थल में पहुंच कर कथा श्रवण कर ले तो उसके तमाम पाप कट जाता है और व दोषमुक्त हो जाता है। लेकिन श्रद्धा व विश्वास अनिवार्य है, यदि श्रद्धा व विश्वास वही शिव का वास होता है। माताओ के द्वारा पार्थिव शिवलिंग का निर्माण व अभिषेक किया जा रहा है।
कथा सुनने नगर सहित क्षेत्र के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।