Steel plant : जमीन गई, प्लांट में नहीं मिली नौकरी, बेटियां अनशन पर
Steel plant : जगदलपुर। जिस इस्पात संयंत्र के लिए एक परिवार ने अपनी आजीविका का साधन रही जमीन होम कर दी, उस संयंत्र में परिवार के किसी भी सदस्य को नौकरी नहीं मिल पाई। भुखमरी की दहलीज पर पहुंच चुके इस परिवार की बेटियां आखिरकार आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। नगरनार के एक परिवार की जमीन को यहां इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए एनएमडीसी ने अधिग्रहित की थी। संयंत्र आकार ले चुका है और वहां उत्पादन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। परिवार के सदस्य दस साल से संयंत्र में नौकरी के लिए गुहार लगाते आ रहे हैं। नौकरी के लिए भू विस्थापितों के नामांकन में इस परिवार के सदस्यों के नाम दर्ज ही नहीं किए गए, जबकि अधिग्रहित जमीन पर कृषि कर यह परिवार गुजारा करते आ रहा था।
Steel plant : आज आलम यह है कि परिवार के समक्ष पेट भरने के लाले पड़ गए हैं। भुखमरी की स्थिति में यह परिवार पहुंच चुका है। सिस्टम से परेशान हो चुके इस परिवार की बेटियों ने अब आमरण अनशन का सहारा लिया है।
परिवार की बेटियों ने इस्पात संयंत्र के करीब खुले आसमान तले बैठकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उनके समर्थन में गांव की कई महिलाएं सामने आ गई हैं। इन युवतियों का कहना है कि घर में तो भूखे पेट सोना पड़ता ही है, यहां भूख हड़ताल करते करते प्राण चले भी जाएं तो कोई गम नहीं।
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हमारे प्राणों के बदले कम से कम उन लोगों को तो इंसाफ मिलेगा, जो इस्पात संयंत्र के लिए अपनी जमीन गंवा चुके हैं। युवतियों की भूख हड़ताल आज 18 सितंबर से आरंभ हुई है।