State educational research पहली से आठवीं वाले बच्चों के बुनियादी स्तर पर भाषा हिन्दी, अंग्रेजी और गणित की होगी जांच

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State educational research   सर्वे का परिणाम बच्चों के स्तर के अनुरूप होना चाहिए- राजेश सिंह राणा
असर सर्वे 2022- पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

State educational research  रायपुर। प्रदेश में कक्षा पहली से आठवी तक पढऩे वाले बच्चों के बुनियादी स्तर पर भाषा हिन्दी, अंग्रेजी और गणित की जांच असर सर्वे-2022 के अंतर्गत की जाएगी। सर्वेक्षण के दौरान तीन से सोलह वर्ष के बच्चों के नामांकन स्थिति की जानकारी ली जाएगी। असर सर्वे के लिए प्रत्येक जिले के 60 गांव का चयन किया जाएगा।

State educational research  चयनित प्रत्येक गांव से 20 घर का रेण्डम चयन किया जाएगा। यह जानकारी आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् में असर सर्वेक्षण 2022 के प्रशिक्षण के दौरान दी गई। यहां 07 से 11 नवम्बर तक 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में प्रत्येक जिले से 4 प्रतिभागी जिसमे 2 डाइट के छात्राध्यापक एवं 02 असर के कार्यकर्ता सहित कुल 28 जिले से 113 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

State educational research  राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् के संचालक राजेश सिंह राणा ने प्रतिभागियों से कहा कि असर सर्वे-2022 में यह ध्यान रखा जाए की बच्चे जिस स्तर के है उसके अनुरूप परिणाम आना चाहिए। इसके लिए बच्चों से मित्रवत व्यवहार करें, उनके मन में किसी भी प्रकार का डर न हो, सहजता महसूस करें तब उनसे प्रश्न पूछें, तभी सर्वे का उद्देश्य पूरा हो पाएगा।

प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को बताया गया कि असर सर्वेक्षण कैसे करना है, बच्चों से बातचीत कैसे करनी है, घर में जाकर बच्चों की बुनियादी दक्षता गणित एवं अंग्रेजी की पढ़ाई की जांच कैसी की जाएगी, घरों का चयन कैसे किया जाएगा, स्कूल की जानकारी कैसी लेनी है, से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही सर्वेक्षण कार्य करने के लिए रायपुर जिले के समीपस्थ 14 गाँवों में जाकर प्रत्यक्ष रूप से अभ्यास कराया गया।

इस प्रशिक्षण के पश्चात् प्रत्येक जिले से 70-70 प्रतिभागियों के लिए तीन दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। इस सर्वे में प्रत्येक जिले के 60 गाँवों का चयन किया जायेगा। संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने कहा कि सर्वेक्षण करने वाले की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। सर्वे का कार्य पूरी सावधानी के साथ करना है। जांच से पूर्व बच्चों के साथ सहज तरीके से वातावरण निर्मित कर बातचीत के जरिए प्रश्न करें।

यदि शंका हो तो प्रशिक्षण में पूछ सकते हैं। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. निशी भाम्बरी ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य डाइट के छात्राध्यापक द्वारा किया जा रहा है, अत: अपने यूनिफार्म में ही सर्वे करने जाए। साथ ही अपना पहचान पत्र भी अपने साथ रखे जिससे गाँव में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। बच्चों के साथ परीक्षा या जाँच जैसे शब्दों का प्रयोग न करें, जिससे परीक्षा का भय बच्चों में न हो, सहजतापूर्वक वार्तालाप कर बच्चों के स्तर की जाँच करें। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण दो चरणों में होगा। जिसमें प्रथम चरण 19 व 20 नवम्बर 2022 को प्रत्येक जिले के 30 गाँवों में तथा द्वितीय चरण 26-27 नवम्बर 2022 को 30 गाँवों में सर्वे किया जाएगा। प्रशिक्षण में दिल्ली से भालचन्द्र सहारे, संतोष कुमार, सजल घोष, मोहित मिश्रा, आकांक्षा बिस्त के साथ प्रदेश से भूपेन्द्र जांगड़े, सनित कुमार, कृष्णा कश्यप, केशव साहू और भुवेन्द्र बघेल स्त्रोत व्यक्ति के रूप उपस्थित थे।
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