Special offer from Asian News : एशियन न्यूज की खास पेशकश संतुलन का समीकरण कार्यक्रम का आयोजन : “क्या पर्याप्त है परिवहन सुविधा” विषय पर खास परिचर्चा

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Special offer from Asian News : परिवहन व्यवस्था में बड़े बदलाव से ही मिलेगा आम लोगों को लाभ

जनमंच पर संतुलन का समीकरण कार्यक्रम का आयोजन

 

Special offer from Asian News :  रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विकास की ओर अग्रसर है।  यह राज्य हर क्षेत्र में लगातार विकास कर रहा है। छत्तीसगढ़ पर्यटन केंद्र और औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरकर सामने आया है। इस राज्य से होकर गुजरने वाले कई राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ, इसमें यातायात के व्यवस्थित वितरण के साथ सड़क मार्गों की एक सुव्यवस्थित प्रणाली है।

यहां कई रेलवे स्टेशन हैं, जो इस राज्य को लंबी दूरी की ट्रेनों के माध्यम से प्रमुख अन्य राज्यों से जोड़ते हैं। रायपुर में स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डा इस राज्य में हवाई कनेक्टिविटी प्रदान करता है।  इसके बावजूद जब यहां से गुजरने वाली ट्रेन लगातार कैंसिल हो रही हों, आए दिन बस या अन्य वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो रही हो, वहीं आम लोगों के लिए प्राप्त परिवहन सुविधाऐं उपलब्ध न हों तो ऐसे में सवाल यह उठता है की छत्तीसगढ़ में “क्या पर्याप्त है परिवहन सुविधा” ? आज एशियन न्यूज के खास कार्यक्रम संतुलन का समीकरण में इसी विषय पर बैलेंस इक्वेशन तलासने की कोशिश की गई। जहां शहर के कई बुद्धिजीवी, ट्रैवल एजेंसी के प्रमुख, ट्रैफिक पुलिस, आम नागरिक शामिल हुए और प्रमुखता से अपनी बात रखी।

बता दें कि परिवहन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं के लिए एक बड़ी योजना शुरू की है ” छत्तीसगढ़ युवा मितान परिवहन योजना”  इस योजना अंतर्गत कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को घर से कॉलेज आने-जाने के लिए फ्री परिवहन सुविधा मिलेगी। इस योजना से कॉलेज और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। लेकिन अभी भी शहरों में परिवहन व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर एशियन न्यूज के प्रधान संपादक सुभाष मिश्रा ने कहा कि जिस प्रकार से आम लोगों को रोजी-रोटी कपड़ा और मकान चाहिए ठीक उसी प्रकार से परिवहन भी चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवहन व्यवस्था की अलग जर्नी है। उन्होंने कहा कि पूरी मानव सभ्यता के विकास में जब पहिए आए तो मानव सभ्यता के विकास में चार चांद लगे क्योंकि चक्कों ने गति बढ़ाई तो इसके बाद   इंजन आया और वह इंजन जमीन हवा और पटरी पर चलने लगा तो उसने हमारे जीवन को बहुत सुगम और सरल बनाया वरना पहले लोग मिलो मील पैदल चलते थे लेकिन आज यह परिवहन व्यवस्था ने इसे सुगम बनाया है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद जिस प्रकार से परिवहन व्यवस्था होनी चाहिए वह नहीं है। अभी भी आम लोगों के लिए जितनी सुविधाएं होनी चाहिए वह नहीं है।

सड़क सुरक्षा एआईजी संजय शर्मा ने कहा कि परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करना आज भी बहुत चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए जितने ट्रैफिक जवान होने चाहिए उतना नहीं है वर्तमान में जिस प्रकार से ऑटोमोबाइल्स या गाड़ियां बड़ी है उसके हिसाब से ट्रैफिक जवान नहीं है। अकेले रायपुर में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लगभग 2000 जवान की आवश्यकता है जबकि वर्तमान में इसकी संख्या बहुत कम है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि निश्चित रूप से  सार्वजनिक परिवहन जितना अच्छा होगा उतनी ही सड़क दुर्घटनाऐं कम होगी उन्होंने कहा कि पूरे देश में लगभग साढ़े चार लाख से पांच लाख एक्सीडेंट रजिस्टर्ड होते हैं !

इसमें तकरीबन डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु होती है और ओसतन चार लाख लोग घायल होते हैं जहां तक प्रदेश के सवाल है पिछले साल 5834 लोगों की मृत्यु हुई इस बार यह आंकड़ा इससे पर जाएगा…उन्होंने कहा कि बहुत सारे प्रयास के बावजूद भी बहुत सारी चुनौतियां हैं इसमें बड़ा कारण यह है कि लोग पब्लिक ट्रांसपोर्टिंग के स्थान पर स्वयं के साधन इस्तेमाल करते हैं जो एक्सीडेंट में प्रभावित हो रहे हैं में 70% से अधिक लोग बाइकर्स हैं ! उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए स्वयं का अनुशासन सबसे अच्छा है ट्रैफिक व्यवस्था के बावजूद स्वयं का अनुशासन बेहतर साबित होगा।

दैनिक रेल यात्री मंच के अध्यक्ष अखिल शोलहनी ने कहा कि रेल व्यवस्था में किसी प्रकार से सुधार नहीं हो पाया है। आज से 40 साल पहले जिस प्रकार से सुविधा थी वही आज भी है हालांकि वर्तमान में जिस प्रकार से ट्रेनें रद्द हो रही है इससे आम लोगों की मुश्किलें और भी बढ़ गई है।

 

 सिटी बसों की परिचालन है जरूरी

 

 

निजी बस ट्रांसपोर्ट के मालिक भावेश दूबे ने कहा कि भारत में रेलवे की लेट लतीफी और आए दिन हो रहे ट्रेन कैंसिल से यात्री ज्यादातर बस व्यवस्था पर विश्वास करने लगे हैं….उन्होंने कहा की शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ज्यादा से ज्यादा सिटी बस चलाने की आवश्यकता है। इससे जो शहर में ऑटो और अन्य गाडियां सड़क पर दौड़ रही है उसमे कमी आएगी और लोग सिटी बस से सफर करना पसंद करेंगे। आज लोग निजी ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने के लिए विवश हैं क्योंकी उनको सिटी बस आदि नहीं मिल रही है।

 

 1200 कैमरे से हो रही है शहर की निगरानी

ट्रैफिक पोलिस ऑफिसर टीके भोई ने कहा कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए हमलोग लगातार कोशिश कर रहे हैं इसके लिए आए दिन लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। यातायात पुलिस लगातार शहर के स्कूलों, कालेजों और आम लोगों के लिए यातायात प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा यातायात की सुविधा और ट्रैफिक की व्यवस्था पर निगरानी रखने के लिए शहर में लगभग 1200 कैमरे लगे हैं और सभी वर्किंग हालत में हैं और इसकी लगातार निगरानी भी हो रही है आए दिन कैमरे के माध्यम से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के पास ऑनलाइन चालान भी भेजे जा रहे हैं।

 

सुदृढ़ हो शहर की ट्रैफिक व्यवस्था

 

रोटरी क्लब ऑफ रायपुर के असिस्टेंट गवर्नर प्रतिमा नायडू ने कहा कि रायपुर की ट्रैफिक व्यवस्था से मैं ज्यादा खुश नहीं हूं क्योंकि मैं खुद फोर व्हीलर गाड़ी ड्राइव करती हूं मुझे हर जगह परेशानियों का सामना करना पड़ता है ट्रैफिक नियम तो बनाए गए हैं लेकिन उसका पालन कोई नहीं करता है लोग आए दिन सिग्नल तोड़ के अपनी मनमानी तरीके से वाहन चला रहे हैं उन्होंने कहा कि खास कर दो पहिया वाहन वाले लोग बहुत रफ वाहन ड्राइव करते हैं जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है इस पर नियंत्रण होना बहुत जरूरी है !

रायपुर टैक्सी संघ अध्यक्ष शिवशंकर राजपूत ने बताया पिछले कुछ दिनों में हवाई अड्डे पर यात्री बढ़े हैं..लेकिन वहां की व्यवस्था बिल्कुल खस्ता है। आज हवाई अड्डे के बाहर लोग व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं। इसमें जिस प्रकार से यात्रियों को सुविधा मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है

 

माल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब बनाने की है जरूरत

 

बस एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी नवशरण गरचा  ने बताया कि आज भी लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था सुलभ नहीं है आज भी लोगों को अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए बहुत मशक्कत करना पड़ता है। आज अगर कोई कांकेर से बस पकड़ कर रायपुर पहुंचता है और उसे अगर रेलवे स्टेशन या कहीं अन्य जगह जाना है तो ऑटो या टैक्सी में उससे ज्यादा पैसा देना पड़ता है। क्योंकि व्यवस्थित व्यवस्था नहीं है। अगर मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जाए जहां पर पास सेवा, रेल सेवा और एयर सेवा सबका कनेक्शन हो ऐसे ही पैसेंजर उतरे उसे क्लियर इंस्ट्रक्शन मिले और सुविधा मिले कि उसे कहां जाना है। इससे लोगों को परेशानी नहीं होगी और समय भी बचेगा।

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