रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में उस समय हड़कंप मच गया जब आईपीएस अधिकारी रतन लाल डांगी पर यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आए। एक सब इंस्पेक्टर की पत्नी ने आईपीएस पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके बाद पूरे प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गया। सूत्रों के मुताबिक, आईपीएस अधिकारी के खिलाफ शिकायत सामने आने के बाद पुलिस विभाग के अधिकारी सेटलमेंट में भी लगे थे। लेकिन, महिला अपनी शिकायत पर अड़ी रही। वहीं, आईपीएस डांगी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच का जिम्मा पुलिस महानिरीक्षक आनंद छाबड़ा को सौंपा गया है। इधर, सीएम साय ने सख्त लहजे में कहा कि, चाहे वह आईपीएस हो या आईएएस, यदि उसके खिलाफ आरोप लगाए जाते हैं तो निष्पक्ष जांच अनिवार्य होगी और आरोप सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रतन लाल डांगी ने डीजीपी को लिखा पत्र
दूसरी ओर, रतन लाल डांगी ने डीजीपी को पत्र लिखकर अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि महिला लंबे समय से उन्हें ब्लैकमेल कर रही थी और आत्महत्या की धमकियां देकर दबाव बना रही थी। डांगी ने बताया कि महिला ने कई बार धमकी देकर उनसे अनुचित मांगें पूरी करवाईं और निजी जीवन में हस्तक्षेप किया।अधिकारी का कहना है कि महिला ने उनके निजी क्षणों के वीडियो कॉल स्क्रीनशॉट लेकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की। जब उन्होंने विरोध किया तो महिला ने खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी और फर्जी सबूत तैयार किए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संबंधित सब इंस्पेक्टर भी इस पूरे प्रकरण में शामिल है।
धमकियों के कारण परिवार पर बढ़ा मानसिक दबाव
गी ने अपनी सफाई में कहा कि महिला की लगातार धमकियों के कारण उनके परिवार पर मानसिक दबाव बढ़ा और वैवाहिक जीवन प्रभावित हुआ। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि वास्तविक तथ्यों का खुलासा हो सके।राज्य पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी है। अधिकारी और महिला दोनों के बयानों के आधार पर साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
आइए जानते है कौन है आईपीएस रतनलाल डांगी
आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी मूल रूप से राजस्थान के नागौर जिले के मालास गांव के रहने वाले हैं। वह 2003 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। डांगी का सफर संघर्ष और संकल्प से भरा रहा है। उन्होंने लगातार तीन बार सरकारी नौकरी पाने के बावजूद चौथी बार में आईपीएस बनने का लक्ष्य हासिल किया। रतनलाल डांगी ने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने टैक्स इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार के पदों को भी हासिल किया, लेकिन इन नौकरियों को स्वीकार न करते हुए उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी जारी रखी। अंततः वर्ष 2002 में उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर आईपीएस बनने का सपना साकार किया। उनकी कहानी आज भी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो संघर्षों के बावजूद अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते हैं। वो राज्य के पहले ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें दो बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है। वे सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर के पुलिस महानिरीक्षक के रूप में कार्य कर चुके हैं।
योगा से खास लगाव
आईपीएस रतनलाल डांगी अपनी फिटनेस पर भी काफी ध्यान रखते हैं। अक्सर वे अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर योग करते हुए पोस्ट करते हैं। ऐसी ही कुछ तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की है..
अगर आपको अक्सर ऐसा लगता है कि सफलता आपके हाथ नहीं आ रही है, तो शायद अब आपको अपनी कोशिशों में कुछ बदलाव लाने की जरूरत हैं। ओशो

किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में हम जो जानते हैं, उसके अनुसार परिणान नहीं मिलता है, बल्कि हम उस निश्चित समय में कितना सहीं व सटीक लिखते हैं, उसी के अनुसार परिणाम मिलता है। इसलिए केवल जानना ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि उसको काम में लेना महत्वपूर्ण हैं।

अगर व्यक्ति ऊंचा लक्ष्य हासिल करना चाहता हो, तो उसे कुछ जोखिम तो उठाने ही होंगे।

लक्ष्य पाने के लिए केवल क्षमता ही नहीं लगन भी जरूरी होती है।

आईपीएस रतनलाल डांगी पर लगे आरोपों की जांच शुरू: आईजी आनंद छाबड़ा को सौंपी गई जिम्मेदारी
आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर लगे आरोपों की जांच की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय ने आईजी आनंद छाबड़ा को सौंपी है। जांच अधिकारी सबसे पहले शिकायतकर्ता महिला से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज करेंगे और डिजिटल साक्ष्य एकत्र करेंगे।
महिला का बयान लेने के बाद आईपीएस रतनलाल डांगी का पक्ष भी दर्ज किया जाएगा। जांच प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए टीम में महिला अफसरों को भी शामिल किया गया है।जांच रिपोर्ट आने की समयसीमा को लेकर पुलिस मुख्यालय या जांच टीम की ओर से अभी कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
शिकायत के बाद महिला पर समझौते का दबाव, पुलिस मुख्यालय की ओर से नहीं आया बयान
यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिला ने आरोप लगाया है कि विभाग के कुछ अधिकारी उस पर समझौते का दबाव बना रहे हैं। वहीं, पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने मामले की जांच के निर्देश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन फिलहाल किसी ने इस पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।
डांगी ने डीजीपी से की शिकायत , महिला पर ब्लैकमेल और मानसिक प्रताड़ना के लगगंभीर आरोप
- डांगी ने बताया कि महिला उनके कार्यालय में जहर की शीशी लेकर आई और उन्हें तीनों बेटों व मां की कसम खिलाई कि वे अपनी पत्नी से कोई संबंध नहीं रखेंगे।
- महिला ने शर्त रखी कि वे पत्नी से न बैठेंगे, न बात करेंगे, न कहीं साथ जाएंगे और न ही कोई खरीदारी कराएंगे।
- उन्हें पत्नी को व्हाट्सएप पर ब्लॉक करने, कॉल न करने और कॉल रिसीव न करने के लिए कहा गया।
- महिला ने आदेश दिया कि वे पत्नी के साथ कोई फोटो नहीं खिंचवाएंगे, न जन्मदिन या सालगिरह मनाएंगे।
- शर्तों के तहत, वे पत्नी के मायके नहीं जाएंगे और रात 12 बजे के बाद घर की बालकनी में सोएंगे।
- उन्हें रोज 8 घंटे की लाइव लोकेशन भेजने और वीडियो कॉल पर खुद को दिखाने के लिए कहा गया।
- सुबह 5 बजे से वीडियो कॉल चालू रखना था, जिसे केवल वह महिला ही काट सके।
- बेटों से बातचीत भी महिला की अनुमति के बिना नहीं करने दी गई।
- महिला ने वॉशरूम और बाथरूम के निजी पलों के स्क्रीनशॉट लेकर धमकी दी कि अगर उन्होंने उसकी शर्तें नहीं मानीं तो फोटो वायरल कर देगी और डीजीपी से शिकायत करेगी।
- उसने ब्लैकमेल, धमकी और आत्महत्या का नाटक कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
- डांगी ने कहा कि दबाव में आकर वे उसकी अनुचित मांगें मानने लगे।
- महिला ने उनकी पत्नी के साथ घूमना, योग करना और बाजार जाना भी बंद करवा दिया।
- मां के कैंसर इलाज और बहन की मौत के समय भी उसने धमकी दी कि पत्नी को साथ लाए तो आत्महत्या कर जेल भिजवाएगी।
- महिला ने उनके बेटों, बहू और समधी मंत्री को तस्वीरें भेजकर बड़े बेटे का तलाक करवाने की धमकी दी।
- डांगी ने कहा कि पिछले दो वर्षों से वे परिवार से दूर और गहरे तनाव में हैं।
- करवा चौथ पर उसने वीडियो कॉल पर जहर दिखाकर धमकी दी कि पूजा में पत्नी के साथ गए तो आत्महत्या कर लेगी।
- जब डांगी ने फोन फ्लाइट मोड पर किया तो महिला ने बेटे को धमकाया और उनके चरित्र पर आरोप लगाए।
- उन्होंने आरोप लगाया कि महिला का पति भी इस षड्यंत्र में शामिल है।
- महिला ने जबरन घर में घुसकर अश्लील तस्वीरें दिखाईं, उनकी छवि खराब की और जान-पहचान वालों के सामने अपमानित किया।
2017 में आईपीएस से संपर्क में आई महिला
छत्तीसगढ़ में एक आईपीएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, पीड़िता ने 15 अक्टूबर को आईपीएस रतनलाल डांगी के खिलाफ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि वर्ष 2017 में दोनों के बीच संपर्क शुरू हुआ था, जब डांगी कोरबा जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। शुरुआत सोशल मीडिया पर बातचीत से हुई, जो आगे बढ़ती चली गई।
शिकायत के मुताबिक, दंतेवाड़ा में पदस्थापना के दौरान पीड़िता वीडियो कॉल के जरिए उन्हें योग सिखाया करती थी। डांगी के राजनांदगांव स्थानांतरण के बाद भी दोनों के बीच संपर्क बना रहा। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि सरगुजा रेंज में आईजी बनने के बाद डांगी ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया और बिलासपुर पदस्थापना के दौरान यह उत्पीड़न बढ़ गया।
पीड़िता का कहना है कि अधिकारी अपनी पत्नी की अनुपस्थिति में उसे अक्सर बंगले पर बुलाते थे। शिकायत में यह भी उल्लेख है कि चंदखुरी प्रशिक्षण अकादमी में तबादले के बाद भी रतनलाल डांगी वीडियो कॉल के माध्यम से उत्पीड़न करते रहे।
आरोपों के अनुसार, डांगी सुबह पांच बजे से लेकर रात दस बजे तक कई बार वीडियो कॉल करने का दबाव डालते थे। पीड़िता ने कहा कि नौकरी पर असर पड़ने के डर से वह अब तक चुप रही, लेकिन लगातार मानसिक तनाव के कारण अब उसने शिकायत दर्ज कराई है। उसने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारी उसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तबादले की धमकी देकर दबाव बनाते थे।
आईपीएस रतन लाल डांगी प्रकरण में नया खुलासा, आरोप लगाने वाली महिला के पति को मिली थी बड़ी जिम्मेदारियां
रायपुर। आईपीएस रतन लाल डांगी यौन उत्पीड़न मामले में नया खुलासा सामने आया है। एक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का पति 2012 में प्रमोशन पाकर सब इंस्पेक्टर बना था। आश्चर्यजनक रूप से, एसआई होने के बावजूद उसे अब तक 10 से अधिक थानों और चौकियों का प्रभार दिया जा चुका है।
डांगी यौन शोषण मामले में सात बिंदुओं होगी जांच
आईपीएस रतन लाल डांगी यौन उत्पीड़न मामले में जांच टीम ने शिकायत के आधार पर सात प्रमुख बिंदुओं पर जांच शुरू की है। टीम शिकायत में लगाए गए आरोप, प्रस्तुत साक्ष्य, डिजिटल साक्ष्य, फोटोग्राफ, वॉयस कॉल और मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है।
इसके साथ ही आरोपों की टाइमिंग, वीडियो फुटेज, अन्य गवाहों के बयान और आरोप की सत्यता की भी जांच की जा रही है। टीम ने मौखिक और लिखित दोनों प्रकार की शिकायतों को जांच के दायरे में शामिल किया है।