Skill based education : स्किल बेस्ड शिक्षा पर जोर छात्र अब चुन सकेंगे आठवीं के बाद व्यावसायिक विषय
Skill based education : बिलासपुर। कक्षा 8वीं के बाद जो छात्र व्यवसायिक विषय का चयन करते हैं, उन्हें वह संस्कृत के स्थान पर पढ़ने को मिलता है। इसके अंक नवमी और दसवीं की अंकसूची में मुख्य विषय के रूप में दिखाए जाते हैं। हालांकि, दो साल पहले तक इन विषयों का लाभ केवल दसवीं तक ही सीमित था।
लेकिन हाल ही में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बदलाव करते हुए इन्हें कक्षा 11वीं और 12वीं में भी मुख्य विषय के तौर पर चुनने का विकल्प दिया है। फिलहाल, यह सुविधा कोनी हाई स्कूल और मल्टीपर्पस स्कूल जैसे चुनिंदा स्कूलों में ही उपलब्ध है, लेकिन नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ इसका विस्तार किया जाएगा।
मुख्य विषय चुनने का विकल्प
कक्षा 11वीं और 12वीं में व्यावसायिक विषय को मुख्य विषय के तौर पर चुनने वाले छात्रों को हिंदी या अंग्रेजी में से किसी एक का चयन करना होगा। देखा गया है कि हिंदी माध्यम के छात्र अंग्रेजी को ड्राप कर देते हैं, जिससे भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में समस्याएं होती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए, माध्यमिक शिक्षा मंडल ने व्यवस्था की है कि छात्र ड्राप किए गए विषय को आप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुन सकते हैं। इसका परिणाम पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन परिणाम में इसका उल्लेख होगा।
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विषय चयन के विकल्प
Skill based education : छात्र कक्षा आठवीं के बाद संस्कृत के स्थान पर कम्प्यूटर एप्लीकेशन, भारतीय संगीत, चित्रकला, कृषि, वाणिज्यिक गणित, अर्थशास्त्र, दुग्ध प्रौद्योगिकी, हेल्थ केयर, रिटेल मार्केटिंग मैनेजमेंट, ब्यूटी एण्ड वेलनेस आदि जैसे व्यावसायिक विषयों का चयन कर सकते हैं। इन विषयों की पढाई से उन्हें व्यावसायिक विषयों से जुड़ने का मौका मिलेगा।