कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत शनिवार से मतदाता सूची सुनवाई प्रक्रिया शुरू होते ही मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। CEO कार्यालय के सामने केंद्रीय बल तैनात कर दिया गया है।
तृणमूल समर्थित बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा पिछले दिनों CEO कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया जा रहा था। शनिवार सुबह 11 बजे से राज्य के 3234 केंद्रों पर करीब 4500 सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की निगरानी में सुनवाई शुरू हुई। केंद्रों में पर्यवेक्षकों के अलावा केवल बीएलओ, चुनाव पंजीकरण अधिकारी एवं सहायक चुनाव पंजीकरण अधिकारियों को प्रवेश की अनुमति थी।
सुनवाई में पहले उन 32 लाख लोगों को बुलाया जा रहा है, जिनके नाम 2002 की मतदाता सूची में दर्ज नहीं हैं तथा उनका कोई लिंक नहीं मिला। 16 दिसंबर को जारी मसौदा सूची से 58 लाख से अधिक मृत, स्थानांतरित एवं फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए गए थे।
बारासात से तृणमूल सांसद काकुली घोष दस्तीदार के परिवार के चार सदस्यों को सुनवाई नोटिस मिला है। काकुली ने आयोग पर परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया तथा कहा कि वे चार बार की सांसद हैं, उनके पुत्र सरकारी कर्मचारी हैं तथा पति स्वर्गीय सुदर्शन घोष दस्तीदार राज्य मंत्रिमंडल सदस्य रहे हैं।
पूर्व बर्द्धमान के कटवा क्षेत्र में बीएलओ अमित कुमार मंडल लेनदारों के डर से भागा है, न कि एसआईआर कार्य बोझ से। स्थानीय पुलिस ने यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी है।
सुनवाई शुरू होने से पूर्व चुनाव आयोग ने CAA के तहत जारी प्रमाणपत्र को आवश्यक दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने की घोषणा की। इससे विशेषकर मतुआ शरणार्थी समुदाय को राहत मिलेगी। पहले इस प्रमाणपत्र को सूची में शामिल नहीं किया गया था।