रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के तहसील कार्यालयों में बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, जिसके कारण जमीन, राजस्व और प्रमाण पत्र संबंधी हजारों मामले अटक गए हैं।

रायपुर तहसील दफ्तर में सुबह से लोग नकल निकालने, त्रुटि सुधार, आय, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र और अन्य राजस्व कार्य के लिए पहुंचे, लेकिन अधिकारियों के न होने से सभी निराश लौट गए। पिछले तीन दिनों से चल रही हड़ताल अब अनिश्चितकालीन रूप ले चुकी है।

सूत्रों के अनुसार, रायपुर तहसील कार्यालय में ही 10,000 से अधिक मामले पहले से लंबित हैं, जिन पर सुनवाई फिलहाल संभव नहीं है। कुछ वकील भी पेशी की तारीख जानने पहुंचे, लेकिन कैबिन खाली पाकर लौटना पड़ा। उनका कहना है कि पहले ही अदालत में काम का बोझ अधिक है, अब तहसीलदारों की हड़ताल से स्थिति और बिगड़ गई है।

रायपुर के तहसीलदार राममूर्ति दिवान, राकेश देवांगन और अतिरिक्त तहसीलदार प्रकाश सोनी के दफ्तर भी खाली रहे। यही हाल प्रदेश के अन्य जिलों में भी देखने को मिला, जहां लोग अपने जरूरी काम के लिए तहसील पहुंचे और मायूस होकर वापस लौट गए।