रमेश गुप्ता
Shriram Janmotsav Committee श्रीराम कथा के रहस्य का उजागर
Shriram Janmotsav Committee भिलाई । श्रीराम जन्मोत्सव समिति एवं जीवन आनंद फाउण्डेशन द्वारा आयोजित श्रीराम ज्ञान यज्ञ एवं श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का शुभारंभ आज जोन- 2 श्रीराम चौक, खुर्सीपार में हुआ। जहां कथावाचक राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापू ने अपने मुखारविंद से श्रीराम कथा की अमृत धारा का शुभारंभ किया।।
श्री सीताराम के जयघोष के बीच पहले दिन चिन्मयानंद बापू ने भगवान श्रीराम के गुणों का बखान किया। श्रीराम कथा के महत्व को उजागर किया। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा सुनने मात्र से ही प्रभु की कृपा मिलती है।
Shriram Janmotsav Committee श्री चिन्मयानंद बापू ने कथावाचन करते हुए कहा कि श्रीराम कथा की भागीरथी जन -जन को सिंचित करती है, बस श्रोता में कथा को श्रवण करने की व्याकुलता और आग होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि रामचरित की पोथी को अपने सर पर धारण करना बहुत कठिन हे, ऐसे में रामचरित को जीवन में धारण करने का सामर्थ होना बहुत जरूरी है । श्रीराम कथा उस छतरी सरीखी है जो हमें विषय-विकारों की बरसात से बचाती है । श्रीराम कथा वह दर्पण हैं जो हमारे भीतर के चित्त के दर्शन कराती है ।
Shriram Janmotsav Committee श्रीराम कथा के महत्व को रेखांकित करते हुए चिन्मयानंद बापू ने कहा की बाकी सब व्यथा है, श्रीराम की कथा ही कथा है । कथा वह जो चित्त को निर्मल कर दे, विन्दु को सिंधु बना दे, अशांत मन को शांत कर दे और मन को मानसरोवर बना दे । उन्होंने जहां एक ओर भारत के विराट स्वरूप का गुणगान किया, वहीं दूसरी ओर मातृ शक्ति को भी अपनी महत्ता का बोध कराया ।
उन्होंने कहा कि गौ -माता के चरणरज और ब्रह्यपुत्र के तट पर जहां मां भवानी को कृपा बरसती हो, वहीं श्री गौहाटी गौशाला प्रांगण में श्रीराम कथा का श्रवण करना बड़े सौभाग्य को बात है। भारत भूमि को देव भूमि में बड़ा बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वर्ग में सारी सुविधाएं तो हैं, मगर रामलला नहीं है। भारत के हर एक व्यक्ति के जीवन का आधार ही आध्यात्मिकता है ।
इसीलिए भारत के मनीषियों ने कभी भी स्वर्ग की कामना नहीं की, मोक्ष की चाह की है । उन्होंने भारत को देवो को भूमि बताते हुए कहा कि देवेश भी यहा अवतार लेकर जीते हैं। श्रीराम कथा के पहले दिन आज आयोजनस्थल पर समिति के युवा विंग के अध्यक्ष मनीष पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में सदस्यगण एवं हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
आयोजन के दूसरे दिन कल वंदना प्रकरण एवं शिव चरित्र का प्रसंग सुनाया जाएगा। आयोजन समिति ने भिलाईवासियों से कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया।