Shrimad Bhagwat Katha भागवत भगवान का निवास व विशुद्ध प्रेम शास्त्र है :  पं हरगोपाल शर्मा

Shrimad Bhagwat Katha

राजकुमार मल

 

Shrimad Bhagwat Katha भागवत भगवान का निवास व विशुद्ध प्रेम शास्त्र है :  पं हरगोपाल शर्मा

 

 

Shrimad Bhagwat Katha भाटापारा- ग्राम खैरी में भगवती प्रसाद कमल नारायण वर्मा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा वाचक पं, हरगोपाल शर्मा भाटापारा वालों द्वारा अपनी सरल एवं सरस वाणी से कर्ण प्रिय ज्ञानमय कथा का वाचन किया जा रहा है जिसे सुनने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही भाटापारा से भी प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कथारसिक ग्राम खैरी पहुंच रहे है ।

Shrimad Bhagwat Katha भागवत कथा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए पं, हरगोपाल शर्मा ने बताया की भागवत विशुद्ध प्रेम शास्त्र व भगवान के श्रीमुख से नि:सृत ग्रंथ है भागवत के चार अर्थ होते है ,जो भगवान का हो जाए वो भागवत है,भगवान के भक्तों का नाम भागवत है, भगवान के निवास का नाम भागवत है,भगवान के उपदेश का नाम भागवत है व भगवान के प्रियजनों का नाम भागवत है इसलिए जो भगवान से संबंध जोड़ लेता है वो भागवत हो जाता है मृत्यु को मंगलमय बनाने व काल के भय से मुक्ति दिलाने वाला कोई ग्रंथ है तो वो श्रीमद् भागवत है । जैसे नदियों में गंगा,देवताओं में कृष्ण, वैष्णवो में भगवान शंकर और क्षेत्रों में काशी श्रेष्ठ है वैसे ही पुराणों में श्रीमद् भागवत श्रेष्ठ व सर्वोत्तम है ।

 

श्रीमद् भागवत कथा ब्राह्मणों में विद्या का प्रकाश करती है ,क्षत्रियों में विजय श्री की भावना भरती है व समस्त वर्गों के धन,स्वास्थ्य व सेवा भाव में वृद्धि करती है । पांच प्रकार के उग्र पाप करने वाला पापी भी भागवत कथा श्रवण मात्र से शुद्ध हो जाता है ।

पंडित हरगोपाल शर्मा ने बताया की मनुष्य के लिए कोई परम धर्म है तो वो है भगवान के चरणों में प्रीति जिसके माध्यम से नर भी नारायण के पद को प्राप्त कर सकता है इसका उदाहरण ध्रुव जी महाराज है ।

 

शर्मा जी ने सुकदेव जी व परीक्षित जी के जन्म की कथा को बड़े ही विस्तार से सुनाया, कपीलोपख्यान, जड़भरत चरित्र व विभिन्न प्रसंगों को सुन श्रोता भाव विभोर होते रहे भक्त प्रह्लाद के चरित्र पर उन्होंने कहा की भगवान को भूल जाना ही सबसे बड़ी विपत्ति व सदैव भगवान की याद बने रहना सबसे बड़ी संपत्ति है भक्त की बात रखने लिए भगवान जड़ में भी चैतन्य रूप में प्रगट हो अपने भक्त की रक्षा करते है ।जब जब इस धरा में धर्म की हानि होती हैं और पाप बढ़ जाता है तब तब भगवान विभिन्न रूपों में अवतार लेकर धर्म की रक्षा एवं पापियों का नाश कर पुनः धर्म की स्थापना करते है ।

भगवान राम व कृष्ण के जन्मोत्सव पर श्याम मित्र मंडल के संजय शर्मा,गिरधर महाराज द्वारा गाए गए सुंदर भजन व बधाई गीतों में उपस्थित जनसमुदाय भाव विभोर हो झूमते व नाचते रहे । कथा स्थल पर प्रतिदिन भीड़ बढ़ती जा रही है और श्रोतागण भी बड़े ही उत्साह एवं भाव से कथा का रसपान कर रहे है ।

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आज की कथा में प्रमुख रूप से भाटापारा नगर से नरेश चौबे, तंजीव अरोरा,दिनेश सोनी, नंदलाल तनवानी, देवेंद्र भृगु ,अधिवक्ता सुरेश यदु,गोविंद अग्रवाल,मुरारीलाल शर्मा, शैलेंद्र उपाध्याय, जय भोले कांवरिया संघ से रामजी जोशी, रवि गुप्ता,प्रमेंद्र भृगु सहित अन्य धार्मिक व सामाजिक संस्था के सदस्य उपस्थित रहे जिनका आयोजक परिवार द्वारा गुलाल लगाकर स्वागत किया गया ।

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