Shrimad Bhagwat Katha – श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ : रुक्मणी कृष्ण मंगल का सरस वर्णन

Shrimad Bhagwat Katha -

Shrimad Bhagwat Katha श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ

Shrimad Bhagwat Katha सक्ती । बाराद्वार नगर में आयोजित विशाल 1008 अष्टोत्तर श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के व्यासपीठ से गोस्वामी गोविंद बाबा जी के द्वारा रुक्मणी कृष्ण मंगल का सरस वर्णन किया गया । उन्होंने बताया कि रुकमणी जी तो साक्षात लक्ष्मी जी के अंश से ही राजा विश मक्की पुत्री बनी थी , जो भगवान द्वारिकाधीश श्री कृष्ण जी की सुंदरता उनके विशिष्ट गुणों को जानकर मन से ही अपने पति के रूप में वर्ण कर चुकी थी ।

Shrimad Bhagwat Katha कुण्डिनपुर के राजा भीष्मा की पुत्री राजकुमारी रुकमणी ने जाना कि मेरा विवाह शिशुपाल के साथ किया जाना सुनिश्चित हो रहा है , तब वह भगवान कृष्ण को 7 पंक्तियों का एक पत्र लिखकर मन की बात कहती है जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने पढ़कर रुकमणी का हरण कर लिया और द्वारिका पुरी में बड़े आनंद के साथ रुक्मणी और श्री कृष्ण जी का ब्याह संपन्न हुआ !यही रुक्मणी भगवान श्री कृष्ण की प्रथम पटरानी बनी ।


Shrimad Bhagwat Katha गोस्वामी गोविंद बाबा ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण मथुरा में रहकर प्रजा की सेवा और धर्म का पालन करने लगे तभी जरासंध ने यदुवंशियों को अपना शत्रु मानकर 17 बार आक्रमण किया था l श्री कृष्णा ने बार-बार यदुवंशियों पर हो रहे आक्रमण से उनकी रक्षा करने के लिए विशाल समुद्र के बीचो-बीच 12 योजन अर्थात 48 कोस की एक भव्य किला जैसे महानगर का निर्माण विश्वकर्मा जी से करवा कर सभी यदुवंशियों को इसी नई द्वारिकापुरी में सुरक्षित रखा । 18वीं बार जरासंध और कालयवन इन दोनों ने मिलकर फिर से आक्रमण किया तब भगवान श्रीकृष्ण ने राजा मुचकुंद को माध्यम बनाकर उसके नेत्रों की अग्नि से कालयवन को भस्म करवा दिया ।

Shrimad Bhagwat Katha  इस धरा पर अवतार लेने पर भगवान भी अपने अवतार लेने के हेतु पर विचार कर करते हैं कि मेरा अवतार तो इस धरती से अधर्म का धार उतारने और पापियों के नाश करने के लिए हुआ है । यही प्रत्येक मनुष्यों को भी अपने जन्म लेने का हेतु अर्थात उद्देश्य निश्चित करना ही चाहिए , जीवन का लक्ष्य सुनिश्चित करना अति अनिवार्य है !

तभी मनुष्य जीवन धन्य होता है । गोस्वामी गोविंद बाबा के द्वारा अपने उद्बोधन में हिंदुत्व के प्रति स्वाभिमान और राष्ट्र के प्रति धर्म का पालन करने प्रेरणा प्रदान की गई । गोपी उद्धव संवाद की कथा में भ्रमरगीत प्रसंग और गोपियों के बिरह की कथा का आनंद एवं संकीर्तन का लाभ आज कथा के छठवें दिन हजारों श्रोताओं को प्राप्त हुआ । भागवत कथा महोत्सव आयोजित होने से बाराद्वार का वातावरणधर्ममय हो गया


आयोजित विशाल 1008 अष्टोत्तर श्रीमद् भागवत कथा को सफल बनाने में बांके बिहारी पवन शर्मा सतीश जिंदल विष्णु जिंदल नटवर अग्रवाल ओमप्रकाश केडिया कैलाश जैजैपुर वाले ओम प्रकाश अग्रवाल नरेश जिंदल पुरुषोत्तम गोविंद राम सिंघानिया महेश कलानोरिया महिला मंडल के पदाधिकारी एवं सदस्यगण राम कृष्ण गौशाला समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यगण सफल बनाने में जुटे हुए हैं छठे दिन की कथा में हजारों की संख्या में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के भक्तगण महिला पुरुष युवा नागरिक गण ने कथा श्रवण कर पुण्य का लाभ प्राप्त कर महाभोग भंडारे का महाप्रसाद ग्रहण किया !

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