Shri Krishna Gaushala : श्री कृष्ण गौशाला पहुंचकर भगवान की पूजा अर्चना कर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत ने सुख समृद्धि का माँगा आशीर्वाद

Shri Krishna Gaushala :

Shri Krishna Gaushala :  श्री कृष्ण गौशाला पहुंचकर भगवान की पूजा अर्चना कर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत ने सुख समृद्धि का माँगा आशीर्वाद

 

Shri Krishna Gaushala :  सक्ती !  नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास मंहत आज जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर श्री कृष्ण गौशाला मंदिर चाँपा पहुँचकर भगवान श्री राधे कृष्ण जी की पूजा-अर्चना कर प्रदेश वासियों के लिए सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने कहा भगवान श्री कृष्णा तो गीता पुराण के जनक हैं। इसीलिए उनकी भक्ति मन का उत्सव बन जाता है। भक्त जब उनके समक्ष समर्पण करता है तो ‘गोपी’ बन जाता है। जन्माष्टमी हमें श्रीकृष्ण की भक्ति और समर्पण की शक्ति प्राप्त करने का अवसर देती है !

जीवन में ऐसा कोई कार्य नहीं है, जो भक्ति और अध्यात्म की शक्ति से पूरा न हो सके। बस, इस शक्ति को जागृत करने की आवश्यकता होती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन शास्त्रोक्त विधि-विधान, नियम-संयम द्वारा भक्त, भगवान की ब्रह्मांड में व्याप्त दिव्य शक्तियों के अंश अपनी भक्ति-शक्ति एवं क्षमता के अनुपात में जागृत करते हैं। श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी लीलाएं यह संदेश देती हैं कि सच्ची भक्ति और समर्पण से न केवल भगवान को पाया जा सकता है, बल्कि जीवन की अधूरी अभिलाषाओं को भी पूरा किया जा सकता है, फिर चाहे वो संतान प्राप्ति की अभिलाषा हो या धन, वैभव, ऐश्वर्य की प्राप्ति अथवा दुख निवृत्ति होता है !

योगमाया है लीला का विस्तार

जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव तो है ही, साथ में श्रीकृष्ण की माया को विस्तार देने वाली योगमाया का भी प्रादुर्भाव दिवस है, जिनका जन्म बालकृष्ण को कंस के हाथों से बचाने के लिए हुआ था। भगवती योगमाया ने कन्या के रूप में उस युग में जन्म लेकर मानव जाति को यह दिव्य संदेश दिया कि कन्या का जन्म बलिदान के लिए नहीं होता।

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Shri Krishna Gaushala : जब कंस ने देवकी की आठवीं संतान समझकर योगमाया को उसके पैरों से पकड़कर जमीन पर जोर से पटककर मारना चाहा तो योगमाया ने अट्टहास कर कंस से कहा, “मैं चाहूं तो तुम्हें इसी समय मार सकती हूं, किंतु तुमने मेरे पैर पकड़े हैं और तुम्हारा काल कोई दूसरा है, इस वजह से मैं तुम्हारी जान नहीं ले सकती।” योगमाया कंस के चंगुल से छूटकर अंतर्ध्यान होने से पहले कंस को कहा तुम्हारा काल जन्म ले चुका है।”और तुम्हारे अत्याचार का अंत वही करेगा नेता प्रतिपक्ष के साथ पूजा अर्चना में गौशाला के पदाधिकारी कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।