( Share Market) महंगाई आंकड़े तय करेंगे बाजार की चाल

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( Share Market) महंगाई आंकड़े तय करेंगे बाजार की चाल

( Share Market) मुंबई !  दुनिया भर में ब्याज दरों में लगातार जारी बढ़ोतरी से आर्थिक विकास पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से चिंतित निवेशकों की बिकवाली से बीते सप्ताह गिरावट पर रहे शेयर बाजार की दिशा अगले सप्ताह खुदरा और थोक महंगाई के आंकड़ों से तय होगी।

( Share Market) बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 159.18 अंक की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 60682.70 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 2.45 अंक की मामूली बढ़त के साथ 17856.50 अंक पर सपाट रहा।

( Share Market) वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली हुई, जिससे मिडकैप 442.43 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 24890.44 अंक और स्मॉलकैप 400.37 प्रतिशत उछलकर 28263.05 अंक पर पहुंच गया।

विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह बाजार दिशा की तलाश में रहेगा। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़े प्रमुख ट्रिगर के रूप में काम करेंगे। संस्थागत प्रवाह महत्वपूर्ण होगा क्योंकि जनवरी में लगातार बिकवाली के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) की बिकवाली कम हुई है। इसके अलावा कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव, डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे।

( Share Market) अगले सप्ताह देश में जनवरी के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई के आंकड़े जारी होंगे, जिसका असर बाजार पर देखा जा सकेगा। इसके अलावा एफआईआई की निवेश धारणा की भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

एफआईआई ने फरवरी में अबतक कुल 69,976.72 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 75,390.93 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। उन्होंने बाजार से 5,414.21 करोड़ रुपये निकाल लिए। हालांकि, फरवरी में भी घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निवेश धारणा मजबूत रही है। उन्होंने बाजार में कुल 56,062.65 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 49,609.60 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे वह 6,453.05 करोड़ रुपये के लिवाल रहे।

बीत सप्ताह बाजार में तीन दिन गिरावट और दो दिन तेजी रही। अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़े आने के बाद फेड रिजर्व के एक बार फिर लंबे समय तक ब्याज दर में आक्रामक वृद्धि का सिलसिला जारी रखने की आशंका से वैश्विक बाजार में आई गिरावट के दबाव में धातु, कमोडिटीज, आईटी, यूटिलिटीज और पावर समेत दस समूहों में हुई बिकवाली से सोमवार को सेंसेक्स 334.98 अंक की गिरावट लेकर 60506.90 अंक और निफ्टी 89.45 अंक टूटकर 17764.60 अंक पर आ गया। वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर धातु, यूटिलिटीज, दूरसंचार और एफएमसीजी समेत चौदह समूहों में हुई बिकवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 220.86 अंक लुढ़ककर 60286.04 अंक और निफ्टी 43.10 अंक उतरकर 17721.50 अंक पर आ गया।

( Share Market) वहीं, रिजर्व बैंक के तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत बने रहने के संकेत से कमोडिटीज, हेल्थकेयर, आईटी, टेक और सर्विसेज समेत पंद्रह समूहों में हुई दमदार लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 377.75 अंक की तेजी लेकर 60663.79 अंक और निफ्टी 150.20 अंक उछलकर 17871.70 अंक पर पहुंच गया।

इसी तरह वैश्विक बाजार के सकारात्मक रुख के बीच स्थानीय स्तर पर सर्विसेज, आईटी और टेक समेत नौ समूहों में हुई लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 142.43 अंक की तेजी लेकर 60806.22 अंक और निफ्टी 21.75 अंक बढ़कर 17893.45 अंक पर रहा। वहीं, दुनिया भर में ब्याज दरों में लगातार जारी बढ़ोतरी से आर्थिक विकास पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से चिंतित निवेशकों की बिकवाली से वैश्विक बाजार में आई गिरावट के दबाव में शुक्रवार को सेंसेक्स 123.52 अंक गिरकर 60682.70 अंक और निफ्टी 36.95 अंक फिसलकर 17856.50 अंक पर आ गया।

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