रायपुर, 22 सितंबर 2025। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस बार 22 सितंबर से हो चुकी है और यह 1 अक्टूबर तक चलेगी। खास बात यह है कि 27 साल बाद इस बार नवरात्रि नौ नहीं बल्कि दस दिनों की होगी। लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अनोखा देवी मंदिर है, जहां नवरात्रि के दौरान भी मां के पट बंद रहते हैं।
यह रहस्यमयी मंदिर गरियाबंद जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर निरई पहाड़ियों पर स्थित “मां निरई मंदिर” है। यहां भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी है, लेकिन नवरात्र के दिनों में मंदिर के कपाट नहीं खोले जाते। साल भर में केवल चैत्र नवरात्र के दौरान ही यह मंदिर सुबह 4 बजे से 9 बजे तक खुलता है और तब भक्त मां के दर्शन कर पाते हैं।
मां निरई मंदिर की खास मान्यता यह भी है कि यहां केवल पुरुषों को ही प्रवेश की अनुमति है, महिलाओं का प्रवेश वर्जित माना जाता है। चैत्र नवरात्र के इन पांच घंटों के दौरान मां के दरबार में पूजा-अर्चना कर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं।
इस मंदिर की एक और अनोखी परंपरा है कि यहां मां को श्रृंगार का सामान जैसे सिन्दूर, कुमकुम, सुहाग सामग्री या वस्त्र चढ़ाना वर्जित है। भक्त केवल नारियल और अगरबत्ती अर्पित करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर साल चैत्र नवरात्रि में यहां मां निरई स्वयं मंदिर में ज्योति प्रज्वलित करती हैं, जो बिना तेल के लगातार नौ दिनों तक जलती रहती है। इस अलौकिक घटना का कोई वैज्ञानिक कारण अब तक सामने नहीं आया है, लेकिन स्थानीय श्रद्धालु इसे देवी मां का चमत्कार मानते हैं।
मां निरई मंदिर की यह अनोखी परंपरा और रहस्य इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख आस्था केंद्रों में से एक बनाती है। नवरात्रि में जब देशभर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, तब यह मंदिर अपनी अनूठी परंपरा के लिए खास पहचान रखता है।