इंदौर (मध्य प्रदेश)। देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में प्रसिद्ध इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पेयजल आपूर्ति के कारण अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर 100 से अधिक लोग अस्पताल पहुंचे, जिनमें से 34 को भर्ती करना पड़ा।
पहली मौत 26 दिसंबर को हुई थी, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने क्षेत्र में सर्वे किया, जिसमें ज्यादातर घरों में उल्टी-दस्त के मरीज मिले। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि वे कई दिनों से दूषित पानी की शिकायत कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नगर निगम की जांच में पता चला कि भागीरथपुरा की मुख्य जलवितरण लाइन के ठीक ऊपर सार्वजनिक शौचालय बना हुआ है। लाइन फटने से ड्रेनेज का पानी इसमें मिल रहा था, जिससे दूषित जल घरों तक पहुंच रहा था। क्षेत्र में कई अन्य स्थानों पर भी जल लाइनों में टूट-फूट पाई गई।
फिलहाल पूरे भागीरथपुरा में नर्मदा जल आपूर्ति बंद कर दी गई है और टैंकरों से पानी वितरित किया जा रहा है।