Senior Journalist Gautam Navlakha वरिष्ठ पत्रकार गौतम नवलखा को घर पर नजरबंद रखने का आदेश

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Senior Journalist Gautam Navlakha सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को घर पर नजरबंद रखने का दिया आदेश

Senior Journalist Gautam Navlakha नई दिल्ली !  उच्चतम न्यायालय ने गुरूवार को मुम्बई की केन्द्रीय जेल में बंद 70 साल के मानवाधिकार कार्यकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार गौतम नवलखा को उनके घर पर नजरबंद रखने का आदेश दिया है।

की याचिका स्वीकार करते हुए गुरुवार को 48 घंटे में इस पर अमल करने का आदेश दिया।

Senior Journalist Gautam Navlakha न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने जेल में बंद नवलखा की याचिका स्वीकार करते हुए सुरक्षा खर्च के तौर पर 2.4 लाख रुपए जमा करने सहित कई शर्तों के साथ एक महीने के लिए उन्हें घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी। उन्होंने इस आदेश पर 48 घंटे में अमल का आदेश दिया है।

शीर्ष अदालत इस मामले में अगली सुनवाई दिसंबर में करेगी।

Senior Journalist Gautam Navlakha बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनकी (नवलखा) की मेडिकल रिपोर्ट को अस्वीकार करने का कोई कारण नहीं है। अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि नवलखा की जांच करने वाले डॉक्टरों में से एक उनका रिश्तेदार था।

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नवलखा की मुंबई के तलोजा जेल से स्थानांतरित कर घर पर नजरबंद करने की याचिका खारिज कर दी थी।

सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में निर्देश दिया कि नवलखा को नजरबंदी की अवधि के दौरान इंटरनेट, कंप्यूटर या किसी अन्य संचार उपकरण का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, नजरबंदी स्थल के प्रवेश द्वार और आवास के कमरों के बाहर सीसीटीवी होना चाहिए।

Senior Journalist Gautam Navlakha हालांकि, अदालत ने उन्हें ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा मुहैया कराए गए बगैर इंटरनेट कनेक्शन वाले मोबाइल फोन का इस्तेमाल 10 मिनट तक करने की अनुमति दी।

पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि नवलखा को मुंबई छोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और वह अपनी नजरबंदी की अवधि के दौरान गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेगा।

शीर्ष अदालत के समक्ष राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने नौ नवंबर को सुनवाई के दौरान अपील का विरोध करते हुए कहा था कि नवलखा जैसे लोग देश को नष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव कांड का यह आरोपी माओवादी समर्थक है।

Senior Journalist Gautam Navlakha शीर्ष अदालत ने 29 सितंबर को तलोजा जेल अधीक्षक को नवलखा को इलाज के लिए तत्काल मुंबई के जसलोक अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था।

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