जयपुर। राजस्थान पुलिस ने शनिवार शाम मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार आनंद पांडे को सशर्त रिहा कर दिया। उन्हें शुक्रवार को पत्रकार हरिश दिवेकर के साथ जयपुर पुलिस ने मध्यप्रदेश से हिरासत में लिया था। दोनों के खिलाफ जयपुर साइबर थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की गई थी।
एफआईआर में आनंद पांडे, हरिश दिवेकर और अन्य कुछ लोगों पर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के खिलाफ झूठी खबरें प्रकाशित करने और उन खबरों को रोकने के बदले पैसों की मांग करने का आरोप लगाया गया था। पुलिस के अनुसार 28 सितंबर को परिवादी नरेंद्र सिंह राठौड़ ने सिविल लाइंस साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट के आधार पर दोनों पत्रकारों को गिरफ्तार कर जयपुर लाया गया और मामला करणी विहार थाना पुलिस को जांच के लिए सौंपा गया।
पुलिस के मुताबिक, जांच के तहत आवश्यक सबूत जुटाए जा रहे हैं और आगे की कार्रवाई एफआईआर में दर्ज बिंदुओं के अनुसार की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हस्तक्षेप के बाद आनंद पांडे को सशर्त रिहा किया गया। रिहाई की शर्त के तहत उन्हें चार दिन के भीतर अपने वॉयस सैंपल एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी) को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, पत्रकार हरिश दिवेकर के मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है।
नोटिस देकर जयपुर पुलिस ने छोड़ा
दोनों पत्रकारों को जयपुर पुलिस ने बीएनएस की धारा 41 के तहत नोटिस देकर छोड़ दिया गया। इससे पहले आनंद पांडे और हरीश दिवेकर को जयपुर पुलिस ने भोपाल से पकड़ा था। हिरासत में लिए जाने का प्रेसनोट भी जारी किया था, लेकिन अगले ही दिन नोटिस देकर दोनों पत्रकारों को छोड़ दिया। नोटिस में कुछ तथ्यों के जवाब मांगे गए हैं, और सात दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है।