Seasonal affective disorder सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

Seasonal affective disorder

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Seasonal affective disorder हर मौसम अपने साथ अलग-अलग तरह की बीमारियां लाता है और सर्दियों में हार्ट अटैक समेत सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर जैसी बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (स््रष्ठ) एक मानसिक समस्या है, जिसे विंटर डिप्रेशन भी कहा जाता है। यह दैनिक कामकाज को काफी प्रभावित कर सकती है। आइए आज हम आपको सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय बताते हैं।

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर क्या है?

Seasonal affective disorder सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो मौसमी बदलाव से शुरू होता है। आमतौर पर सर्दियों के दौरान इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है। सर्दियों में दिन छोटे होते हैं तो लोग खुद को उदास महसूस करने लगते हैं और वसंत के लंबे दिनों में खुद को बेहतर महसूस करना शुरू कर देते हैं। कुछ मामलों में सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति के कार्य करने के तरीके पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण

इस डिसऑर्डर से ग्रस्त लोग खुद को उदास और परेशान महसूस कर सकते हैं। इसी तरह वह अपनी भूख या वजन में बदलाव का अनुभव करते हुए ऊर्जा की कमी महसूस कर सकते हैं। इससे ग्रस्त लोग अपनी पसंदीदा गतिविधियों में भी रुचि खो सकते हैं। उन्हें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है और सुस्त महसूस कर सकते हैं। उनके मन में आत्महत्या के विचार आ सकते हैं और अधिक सोने का भी अनुभव कर सकते हैं।

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण

Seasonal affective disorder सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण अभी भी अच्छी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, कुछ कारकों का इसके साथ संबंध पाया गया है। शरीर में होने वाले हार्मोंस बदलाव भी इसके जिम्मेदार हो सकते हैं। सूर्य की रोशनी के संपर्क में कम आने से बायोलॉजिकल वॉच प्रभावित होता है और इससे शरीर के हार्मोन्स के उत्पादन पर असर पड़ता है। इस वजह से भी यह डिसऑर्डर हो सकता है।

किन लोगों को इस डिसऑर्डर का है ज्यादा खतरा?

कई शोध के मुताबिक, सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है। ज्यादातर मामलों में यह डिसऑर्डर किशोरावस्था में शुरू हो जाता है। इसके अतिरिक्त, पहले से अवसाद ग्रस्त लोगों, बाइपोलर डिसऑर्डर के रोगी और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर के लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। ईटिंग डिसऑर्डर, स्ट्रेस या पैनिक डिसऑर्डर से ग्रसत लोगों को भी इसका खतरा रहता है।

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से बचाव के उपाय

Seasonal affective disorder यदि आपने पहले सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का अनुभव किया है तो उपचार जल्दी शुरू करने से आप बेहतर स्थिति में हो सकते हैं। इसके लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें। इस डिसऑर्डर वाले लोगों में अक्सर विटामिन-डी की कमी होती है। ऐसे में विटामिन-ष्ठ के सप्लीमेंट्स इसके लक्षणों को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

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