महिला के बवासीर का उपचार कर बना दिया विकलांग
जांच दल ने शिकायत सही पाई पर पीड़िता को नही मिल रहा न्याय
दिलीप गुप्ता
सरायपाली
नगर के तहसील कार्यालय के समीप मातृ केयर हॉस्पिटल व फर्टिलिटी सेंटर के डॉक्टर द्वारा सर्जरी की उपाधि नही होने के बावजूद एक महिला के बवासीर की सर्जरी कर दी गई । जिसके चलते उक्त महिला आजीवन विकलांग की स्थिति में आ गई है । प्रशासन द्वारा 4 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था । जांच में शिकायत सही पाई गई ।
जांच में बताया गया कि डॉ. शिवाशीष बेहरा (M.B.B.S., M.D., स्त्रीरोग व प्रसूति ) के द्वारा लापरवाहीपूर्वक ऑपरेशन एवं उपचार करने व सर्जरी की उपाधि नही होने के बावजूद उन्होंने सर्जरी की व महिला की यह स्थिति ऑपरेशन की जटिलता के कारण है न कि दिव्यांगता की वजह है ।
पीड़ित महिला के पति प्रशांत साहू ने बताया कि शिकायत किये जाने के बाद उक्त डॉक्टर द्वारा अलग अलग फोन के माध्यम से मानहानि का केश करने व विभिन्न प्रलोभन दिया जा रहा है । पीड़िता द्वारा राज्य महिला आयोग , पुलिस थाना में भी शिकायत दर्ज की गई है । महिला आयोग में 3 बार पेशी हुई पर उक्त डॉक्टर कभी पेशी में हाजिर नही हुवे साथ ही अभी तक पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही भी नही की गई है ।
विगत 8/1/25 को राज्य महिला आयोग के साथ ही अनेकों को भेजे गए पत्र में प्रशांत साहू ने बताया कि मैं पदमिनी साहू उम्र 37 वर्ष, पति-प्रशांत साहू ग्राम छिंदपाली की निवासी है । मेरे दो बच्चे क्रमशः 14 वर्ष व 11 वर्ष के हैं। मैं कुछ समय पहले बबासीर (बीमारी) की समस्या से पीडित रहीं हूँ तथा माह सितम्बर 2024 में मातृ केयर हॉस्पिटल एवं फर्टिलिटी सेन्टर सरायपाली में मेरे पति के साथ सम्पर्क किया जिसे देखकर आपरेशन करने का सुझाव दिया गया।
तदउपरान्त मैं व मेरा परिवार मात् केयर हास्पिटल एवं फर्टिलिटी सेंटर सरायपाली में भर्ती हुए। डॉ. शिवाशीष बेहरा (M.B.B.S. M.D. (Obs&Gyno) द्वारा दिनांक 10/10/2024/ को आपरेशन किया गया तथा 12/10/2024 को डिस्यार्ज किया गया मुझे 7 दिनों के बाद पुनः चेकअप हेतु अस्पताल आने को कहा गया।
मैं अपने गृहग्राम छिन्दपाली आई तो पुनः मलद्वार में जलन और अत्यधिक दर्द होने लगा, तो मेने डॉ. शिवशीस बेहरा से फोन पर सम्पर्क किया तो अस्पताल आकर ईलाज कराने हेतु कहछ और 5 से 6 दिनों में पुर्णतः स्वस्थ होने का आश्वसन दिया। तद उपरान्त मैं अपने पति के साथ मातृकेयर अस्पताल आई और भर्ती हुई उपचार कराई कुछ तात्कालिक राहत मिलने पर अपने घर छिन्दपाली आ गई तथा डाँ शिवाशीष बेहरा द्वारा कुछ दिनों में पुर्णतः स्वस्थ होने कि बात कांड़ गई। किन्तु घर आने के बाद 2 से 3 दिनों के बाद पुनः मेरा स्वास्थ्य बिगडने लगी। मेरा मलद्वार और पेशाव द्वार बन्द हो गया जिससे मुझे अत्यधिक तकलीफ हुई मेरी स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर और चिंताजनक हो गयी पेट फुलने लगा व पुरे शरीर में अत्यधिक दर्द हुआ। मैंने पुनः डॉ शिवाशिष बेहरा से सम्पर्क किया तो उन्होंने अस्पताल आने और उपचार कराने हेतु कहा मैं अपने पति के साथ पुनः अस्पताल में भर्ती हुई और उपचार करवाया उपचार के पश्चात डिस्ॉज किया गया तथा डॉ शिवाशिष बेहरा द्वारा 4 से 5 दिनों में पुर्णतः ठीक हो जाने कि बात कही।
जब मैं अपने पति के साथ घर आई तो 2 से 3 दिनो बाद पुनः मेरो स्वास्थ्य फिर बिगडने लगा पेशाब द्वार और मलद्वार बंद होने लगा निकासी न होने के कारण मेरी स्थिति अत्यंत गंभीर होने लगी इस तरह उपचार के 2 माह बाद भी मेरी स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुई और डॉ शिवाशिष बेहरा द्वारा सिर्फ आश्वाशन दिया गया। फिर मेरे पति में मेरी अत्यंत गंभीर और नाजुक स्थिति को देखकर उच्च चिकित्सा हेतु वर्मा हास्पिटल रायपुर ले जाया गया वहा पर डॉ. क्षितिज वर्मा M.S ने कहा कि मल द्वार पुर्णतःक्षतिग्रस्त हो गया है मलद्वार को जलाया गया है तथा मलद्वार को गलत तरह से घोरा-काटा गया हैं इसलिए फिर से आपरेशन कराना पडेगा तथा फ्लेप लगाना पड़ेगा।
मैं 08/12/2024 को अपने पति के साथ वर्मा हास्पिटल रामपुर में भर्ती हुई डॉ क्षितिज वर्मा मलद्वार का आपरेशन किया प्लास्टिक सर्जरी फ्लैप लगाया गया और 16/12/2024 को डिस्यार्ज कर दिया गया साथ हि उन्होंने बताया कि मलद्वार अब पहले जैसे स्वतः न हीं खुलेगा और न हीं बन्द होगा पेशाब लगने पर पेशाब के साथ मलद्वार में मल भी स्वतः निकलेगा गैस निकलने पर भी मलद्वार में मल निकलेगा। वर्मा हास्पिटल रायपुर से डिस्चार्ज हो कर घर आने पर मुझे पता चला कि डॉ शिवाशिष बेहरा (M.B.B.S M.D. (Obs&Gyno) हैं तथा डॉ. डी. पी. साहू (M.S) हैं के स्थान पर डॉ शिवाशिष बेहरा के द्वारा ऑपरेशन कर दिया गया था जो कि (M.S) नहीं है। इस प्रकार मेरे स्वास्थ्य के प्रति घोर लापवाही पूर्वक उपचार किया गया मेरे मलद्वार को भारी नुकसान पहुँचा जिसके कारण मुझे आजीवन विकलांग कर दिया गया माह बीत जाने के बाद भी स्वयं चलने फिरने और बैठने में असमर्थ हो रही है ।
शिकायत के आधार पर सरायपाली एसडीएम द्वारा 4 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था जिसमे डॉ नरसिंग ( विभागाध्यक्ष – सर्जरी विभाग , महासमुन्द ) , डॉ छत्रपाल चंद्राकर ( नोडल अधिकारी , नर्सिंग होम ऐक्ट महासमुन्द ) , विकास खंड चिकित्सा अधिकारी सरायपाली व मनीषा देवांगन ( अति.तहसीलदार , सरायपाली ) ने संयुक्त जांच में शिकायत को सही पाते हुवे एसडीएम को 5/5/25 को जांच रिपोर्ट सौंप दी गई थी । वही सरायपाली थाने में 9/1/25 को भी आवेदन दिया गया था पर आज पर्यन्त तक कोई कार्यवाही नही की गई ।
इस संबंध में डॉ शिवाशीष बेहरा से संपर्क किया गया पर वे उपलब्ध नही हो सके ।