Saraipali : बगैर अधिकृत स्वीकृति के हो रहा निर्माण कार्य
कई ग्रामो के कोटवारों ने बेची है जमीनें
शासन के आदेशों के बावजूद कलेक्टर नही कर रहे कार्यवाही
Saraipali : सरायपाली ! शासन द्वारा राज्य के कोटवारों को कोटवारी के सेवा के दौरान सभी कोटवारों को खेती युक्त जमीन सेवा भूमि के नाम से प्रदान किया जाता है ताकि वे अपने सेवाकाल के दौरान कुछ खेती बाड़ी कर अतिरिक्त आजीविका चला सकें । किंतु देखा गया है कि अनुविभाग के अनेक कोटवारों द्वारा शासन के निर्णय के विरुद्ध जाकर व शासन के आंखों में धुल झोककर इस सेवा भूमि को बेच दिया गया है । जबकि शासन द्वारा उन्हें विक्रय किये जाने नही अपितु आजीविका चलाने के लिए भूमि दी गई थी ।
कोटवारों द्वारा सेवा भूमि को बेचे जाने की लगातार शिकायत मिलने के बाद छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ / 10-11/2000/सात -4 (पार्ट) दिनांक 18/06/2024 को विशेष सचिव द्वारा राज्य के समस्त कलेक्टरों को पत्र जारी करते हुवे कोटवारों द्वारा की गई कोटवारी सेवा भूमि के विक्रय पर प्रतिबंध व आवश्यक कार्यवाही 1 माह के अंदर किये जाने का आदेश दिया गया है । किंतु इस महत्वपूर्ण आदेश पर कोई कार्यवाही समुचित रूप से की गई होगी ऐसा नही लगता । जिसके चलते कई कोटवारों द्वारा कोटवारी भूमि को वर्षो पहले बेच दिया गया है । कुछ कोटवारों के द्वारा जमीन बेच दिए जाने के बाद मृत्यु हो जाने की भी जानकारी मिली है ।
इसी तरह का एक मामला सरायपाली के वनांचल ग्राम बहेरापाली में अहस्तांतरणीय कोटवारी भूमि को अवैध रूप से तीन लोगों को बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है। बहेरापाली के कई ग्रामीणों के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सरायपाली से इसकी शिकायत करते हुए इस संबंध में तत्काल कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है।
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Saraipali : शिकायतकर्ताओं में इंदल( कोटवार) ,गोपबन्धु पटेल ( सरपंच ), मोहनलाल पटेल ( उप सरपंच ), संतोष पटेल, होरीलाल बंजारा, मोहित राम, हरीशचन्द्र, मूलचंद पटेल, बैकुंठनाथ चौहान, बिहारीलाल, अलेखराम आदि ने एसडीएम को आवेदन में उल्लेख किया है कि ग्राम बहेरापाली प.ह.नं. 1 रा.नि.मं. केदुवां तहसील सरायपाली जिला महासमुंद में स्थित कोटवारी सेवा भूमि खसरा नंबर 670/1 का टुकड़ा, रकबा 0.40 हे. को मोहरमोती पति मुरलीधर द्वारा एवं खसरा नंबर: 310 का टुकड़ा रकबा 0.42 हे. को जानकी पति गौरीशंकर तथा , खसरा नंबर 318 टुकड़ा रकबा 0.04 हे. एवं 670/1 रकबा 0.52 कुल दो खसरा नंबर की कुल 0.56 हे. भूमि को नारायण पिता मुरलीधर को ग्राम के कोटवार गणेशराम के द्वारा शासकीय नियमों के विपरीत पंजीकृत विक्रय के द्वारा विक्रय कर अवैध रूप से कब्जा प्रदान किया गया है। खरीददार उक्त भूमि पर स्थायी रूप से कब्जा करने के लिए सक्षम अधिकारी या पंचायत से अनुमति प्राप्त किये बगैर मकान निर्माण कर रहे हैं।
इस शिकायत आवेदन में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि शिकायतकर्ताओं में सबसे पहला नाम उस कोटवार का है जिसके पिता गणेशराम द्वारा कोटवार रहते हुवे सभी 12 एकड़ कोटवारी भूमि को बेच दिया गया है ।
पूर्व कोटवार व जमीन बेचने वाला गणेशराम वर्तमान कोटवार व शिकायतकर्ता इंदल का पिता है । पिता द्वारा बेचे गए कोटवारी जमीन के खिलाफ उसका पुत्र ही शिकायत कर्ता में है ।गणेशराम की मृत्यु हो जाने के बाद इंदल को कोटवार बनाया गया था । इस संबंध में कोटवार इंदल से जानकारी लिए जाने पर कोटवार इंदल ने बताया कि जब उसके पिता जीवित थे उस समय शासन से कोटवारी भूमि के रूप में 12 एकड़ जमीन मिली थी । सभी 12 एकड़ जमीन को उसके पिता द्वारा जीवित रहते बेच दिया गया था पर अभी भी खाता पंजी में कुछ जमीनो में नाम इंदल का है पर यह सब दिखाने का है असली मालिक खरीददार लोग ही हैं वे सभी मकान निर्माण कर चुके हैं !
Saraipali : शिकायत में लिखा है कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा विगत 12 जून 2024 को जारी पत्र में कोटवारी सेवा भूमि को 1 माह के समयसीमा के भीतर शासकीय अभिलेख में दर्ज कर अहस्तांतरणीय शब्द लिखने तथा नामांतरण को निरस्त कर सेवा भूमि में दर्ज करने एवं विक्रय पत्र को निरस्त करने हेतु सिविल वाद दायर करने के निर्देश दिये गए हैं। शासकीय निर्देशों का पालन नहीं होने के कारण जमीन खरिदने वाले कोटवारी भूमि का दुरूपयोग कर अवैध निर्माण कार्य कर रहे हैं। अतः शिकायतकर्ताओं ने इस संबंध में तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है।