बच्चे हो रहे बेहोश व बेसुध स्कूल का समय बदलने की मांग
सरायपाली :- अभी क्षेत्र में भीषण गर्मी पड़ने लगी है।अभी मार्च का महीना चल रहा है जबकि अप्रैल व मई महीना शेष है । अभी गर्मी के तेवर इतने हैं तो अगले दो महीने पड़ने वाली गर्मी का अहसास किया जा सकता है । अप्रैल व मई महीने में परीक्षाएं भी आयोजित होती है भीषण गर्मी व कई विद्यायलो में पंखों तक कि व्यवस्था नही होने से सर्वाधिक बच्चे इस गर्मी से अधिक प्रभावित होते हैं । शासकीय शालाओं का समय सुबह 10 से 4 बजे तक होता है और यही समय सर्वाधिक गर्म होने की वजह से छोटे बच्चे गर्मी से हलाकान व परेशान अधिक होते है । अत्यधिक गर्मी से बच्चो व इंसानों में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है । इसके कारण न केवल आम लोग, बल्कि स्कूली बच्चे भी हलाकान हो रहे हैं। कुछ वर्षो से क्षेत्र के कुछ स्कूलों में बच्चो के बेहोश होने की सूचना मिलती रही है ।
दो दिनों पूर्व ही शासकीय प्राथमिक विद्यालय सिंघोड़ा में बच्चो के बेहोश होने की शिकायत पर संचालन समिति , पंचायत व पालकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर सुबह 7:30 से 12 बजे तक शाला लगाए जाने का निर्णय लेते हुवे प्रस्ताव के साथ इसकी जानकारी बीईओ आफिस को दी गई है । तेज धूप की वजह से स्कूल तपने लगे हैं। पंखों की गर्म हवाओं से बच्चों का बुरा हाल हो रहा है। इसके बाद भी कक्षाएं शाम 4 बजे तक संचालित हो रहीं हैं। कुछ दिनों से तापमान 40 डिग्री पहुंच चुका है। तेज धूप और गर्मी के कारण लोग जरूरी काम से ही बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में स्कूली बच्चे 4 से 5 घंटे कक्षाओं में तपती छत के नीचे बैठ रहे हैं। गर्मी से परेशान हो रहे हैं। कई स्कूलों में पंखे तक नहीं हैं। जिन स्कूलों में पंखे हैं, वहां भी गर्म हवाओं से बच्चे हलाकान हो रहे हैं। 5वीं एवं 8वीं की परीक्षाएं चल रही हैं जबकि स्थानीय कक्षाओं की परीक्षाएं प्रारंभ होने वाली है। परीक्षा के दौरान भी बच्चों को गर्मी की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दो पाली में संचालित होने वाले स्कूलों में दोपहर 12 बजे
से शाम 4.30 बजे तक कक्षाएं लग रहीं हैं। दोपहर स्कूल में व्यतीत करने के बाद घर लौटने पर बच्चों का बुरा हाल हो रहा है। गर्मी को देखते हुए शिक्षक संगठनों , पालकों , विद्यालयों की संचालन समितियों द्वारा अब स्कूलों में कक्षाएं सुबह लगाने की मांग की जा रही है।