छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से 25 जुलाई को केरल की 2 मिशनरी सिस्टर्स – वंदना फ्रांसिस और प्रीति मेरी – की गिरफ्तारी पर राजनीति गरमा गई है। आरोप है कि वे 3 आदिवासी युवतियों को नौकरी दिलाने के बहाने आगरा ले जा रही थीं। बजरंग दल ने धर्मांतरण और मानव तस्करी का आरोप लगाकर स्टेशन पर हंगामा किया, जिसके बाद GRP ने FIR दर्ज कर ननों को गिरफ्तार कर लिया।

मंगलवार को सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दुर्ग जेल पहुंचा। सांसद सप्तगिरि उल्का, बेनी बेहनन और वृंदा करात ने आरोप लगाया कि ननों को झूठे केस में फंसाया गया और अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने भी इसे अल्पसंख्यक उत्पीड़न बताया।

वहीं CM विष्णुदेव साय का कहना है कि मामला कोर्ट में है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। जांच में पता चला कि ननों के साथ एक युवक भी था, जो नारायणपुर की युवतियों को प्रलोभन देकर ले जा रहा था। इस मुद्दे पर आज संसद में जोरदार हंगामे की संभावना है।