रायपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गुरुवार को अपने 100वें स्थापना दिवस और विजयादशमी उत्सव के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। मध्य क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने दुर्गा गार्डन, दीनदयाल नगर में अपने संबोधन में कहा कि संघ एक मजबूत संगठन है और समाज को संगठित करने के लिए आपसी संवाद बढ़ाना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।

उन्होंने संघ की शताब्दी वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ अपने विविध कार्यक्रमों, गृह संपर्क अभियान, सामाजिक सद्भाव बैठकें, युवाओं के कार्यक्रम और प्रमुखजन गोष्ठियों के माध्यम से सम्पूर्ण हिन्दू समाज को संगठित करेगा। उन्होंने पंच परिवर्तन—सामाजिक समरसता, कुटुंब-प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य—को अपनाने का आग्रह किया।
मुख्य अतिथि और छत्तीसगढ़ी फिल्म के प्रसिद्ध निर्देशक सतीश जैन ने कहा कि यह संघ का प्लेटिनम ईयर है और समाज में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। प्रांत संघचालक डॉ. टोपलाल वर्मा भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख सुनील कुलकर्णी ने वीर सावरकर नगर के कबीरनगर बस्ती में कहा कि संघ की शताब्दी वर्ष की यात्रा में लाखों स्वयंसेवकों का त्याग, तपस्या और बलिदान शामिल है। उन्होंने पंच परिवर्तन से समाज में सकारात्मक बदलाव की संभावना बताई और हिन्दू समाज को एकजुट होकर देश निर्माण में योगदान देने का संदेश दिया। मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध किसान बुलाकी वर्मा मौजूद थे।
संघ ने महानगर की 21 बस्तियों में विजयादशमी उत्सव और पथ संचलन आयोजित किया। रास्ते भर स्वयंसेवकों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। महोबा बाजार, महामाई पारा, चौबे कॉलोनी, चंगोराभाठा बस्ती, सुंदरनगर, कमल विहार, बूढ़ापारा बस्ती, प्रियदर्शनी नगर, राजेंद्र नगर, न्यू शांतिनगर, गांधी चौक, देवेंद्र नगर, रामनगर, दानवीर भामाशाह बस्ती, रावाभाटा, विजयनगर, सरोरा, गायत्री नगर बंजारी और रामकुंड में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
आरएसएस के 100 वर्ष – चार चरण:
- 1925-1948: उपहास और तिरस्कार
- 1948-1972: दमन
- 1971-2011: संघर्ष
- 2011 से अब तक: विजय