राजकुमार मल
Record sale of sweets : शॉर्टेज में सहारा बनी पैक्ड मिठाइयां
Record sale of sweets : भाटापारा- उम्मीद से कहीं बढ़कर ज्यादा रहा मिठाइयों का बाजार। मांग का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि कुछ खास किस्म की मिठाइयां मुहूर्त के पहले ही खत्म हो चुकी थीं। ऐसे में पैक्ड मिठाइयों की पहुंच बनाई गई।
रक्षाबंधन पर इस बार स्वीट कॉर्नरों ने लीक से हटकर तैयारी की थी। स्थानीय स्तर पर उत्पादन की जगह बिलासपुर, चकरभाठा और बिल्हा जैसे करीबी शहरों को चुना और बड़ी मात्रा में बनाने के आर्डर दिए। समय पर आपूर्ति के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा क्योंकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सख्त जांच और कार्रवाइयां की थी।
इसलिए चकरभाठा और बिल्हा से
जिले के मिल्क रुट और दूध उत्पादक क्षेत्र पहले से ही बता चुके थे कि उत्पादन बेहद कमजोर है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर मिठाइयों का बनाया जाना संभव नहीं था। रक्षाबंधन के तीन दिवस पूर्व संस्थानों ने चकरभाठा और बिल्हा के साथ बिलासपुर से संपर्क साधा। इसके बाद मात्रा की जानकारी देते हुए सप्लाई लाइन पुख्ता की, तब कहीं जाकर उपलब्धता तय हो सकी।
रिकॉर्ड बिक्री
स्वीट कॉर्नरों से मिली जानकारी के अनुसार इस रक्षाबंधन पर मिठाई की बिक्री, नया कीर्तिमान बना गई। भरोसेमंद सूत्रों की मानें, तो तीन दिवस में लगभग 18 से 20 क्विंटल मिठाइयों की खपत हुई। दोपहर बाद स्थिति यह थी कि कुछ खास किस्म की मिठाइयां खत्म हो चुकी थी। इसलिए पैक्ड मिठाइयां सहारा बनीं। जिसकी हिस्सेदारी लगभग 2 क्विंटल के आसपास बताई जा रही है। इसमें काजू बर्फी, बर्फी, मिल्क केक, सोन पापड़ी और पेड़ा जैसी मिठाइयां मुख्य है।
काम आई सख्ती
Record sale of sweets : सख्त तेवर। कड़ी नजर। उसका ही असर था कि गुणवत्ता को लेकर संस्थानों ने विशेष सतर्कता बनाए रखी। उत्पादक स्थलों को ऑर्डर के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने को कहा था। इसलिए उपभोक्ताओं की तरफ से शिकायत नहीं आई। परिचित उपभोक्ताओं से अभी भी इसे लेकर फीडबैक लिए जाने की सूचना है।