TB and Leprosy Search Campaign टीबी एवं कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए समुदाय में प्रत्येक मरीज की होगी पहचान

TB and Leprosy Search Campaign

TB and Leprosy Search Campaign टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान

TB and Leprosy Search Campaign राजनांदगांव। टीबी एवं कुष्ठ रोग के उन्मूलन हेतु जिले में 1 दिसंबर से श्सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत समुदाय में प्रत्येक मरीज की पहचान कर जांच एवं उपचार किया जाएगा। अभियान के दौरान मितानिन के द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। अभियान की सार्थकता के लिए वृहद पैमाने पर तैयारी की जा रही है।

टीबी (क्षय) रोग पर नियंत्रण तथा इससे बचाव के लिए कलेक्टर डोमन सिंह के दिशा-निर्देश, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ के मार्गदर्शन और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अल्पना लूनिया के नेतृत्व में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान दो चरणों में पूर्ण किया जाएगा।

TB and Leprosy Search Campaign प्रथम चरण में 1 से 21 दिसंबर तक घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। वहीं द्वितीय चरण में 2 से 17 जनवरी तक सभी निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, प्राइवेट प्रैक्टिशनरों व केमिस्टों द्वारा चिन्हांकित टीबी व कुष्ठ रोग के संभावित मरीजों की दैनिक सूची लेकर इसे टीबी व कुष्ठ रोग के पोर्टल में दर्ज किया जाएगा। अगर किसी मरीज को जांच की आवश्यकता हुई तो निःशुल्क जांच के लिए सैंपल एकत्र किया जाएगा।

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ ने बतायाः सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान की गतिविधियों के अंतर्गत मितानिन के द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में 1 से 15 दिसंबर तक घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। साथ ही 16 से 21 दिसंबर तक अवधि के दौरान मितानिन द्वारा खोजे गए संभावित टीबी एवं कुष्ठ के मरीजों का पुनः परीक्षण संबंधित क्षेत्र के एमपीडब्ल्यू एवं एनएमए द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक घर जाकर सभी व्यक्तियों में लक्षणों का पता लगाया जाएगा।

TB and Leprosy Search Campaign वहीं ऐसे क्षेत्र जहां मितानिन कार्यरत नहीं है, वहां निकट के पारा की मितानिन अथवा कुष्ठ मित्र, टीबी चैंपियन, टीबी मितान या स्वयंसेवी व्यक्तियों की सेवाएं ली जाएगी। शहरी क्षेत्रों (मुख्यतः गैर श्रमिक बाहुल्य) में मितानिन की उपलब्धता न होने की स्थिति में यूएचडब्ल्यूसी के आरएचओ (पुरुष-महिला) की सेवा ली जाएगी।

मितानिन द्वारा गृह भेटों के माध्यम से चिन्हांकित टीबी एवं कुष्ठ संभावित रोगियों को निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जांच कराने की सलाह दी जाएगी। आगे उन्होंने बतायाः मितानिन द्वारा गृह भेंट के दौरान परीक्षण के पश्चात घर की बाहरी दीवार पर क्रमशः एल-1/तारीख, एल-2/तारीख लिखी जाएगी। गृह भेंट के दौरान घर बंद पाए जाने या घर के कोई सदस्य का शारीरिक परीक्षण न किए जाने की स्थिति में घर की बाहरी दीवार पर एक्स-3/तारीख चिन्हित की जाएगी।

एक्स चिन्हित घरों में दूसरे दिन पुनः भ्रमण कर छूटे हुए सदस्यों का परीक्षण किया जाएगा। मितानिन द्वारा इस कार्य की निगरानी संबंधित क्षेत्र के मितानिन प्रशिक्षक एवं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (पुरुष) द्वारा की जाएगी। प्रत्येक मितानिन प्रशिक्षक-ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (पुरुष) द्वारा अपने कार्यक्षेत्र की सभी मितानिनों से उपरोक्त चिन्हांकित संभावित रोगियों की सूची संलग्न प्रपत्र में दर्ज कर सप्ताह के प्रत्येक गुरुवार को संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जमा की जाएगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार तक उपरोक्त सूची की कम्प्यूटर प्रविष्टी संलग्न प्रारूप अनुसार की जाएगी।

पीएचसी प्रभारी को भी अहम जिम्मेदारी…

TB and Leprosy Search Campaign सूची प्राप्त होने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी की जवाबदारी होगी कि वह सूची में दर्ज सभी संभावित मरीजों की जांच अपने स्वास्थ्य केन्द्र में यथा शीघ्र करवाएं। वहीं टीबी एवं कुष्ठ कार्यक्रम से संबंधित कर्मचारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत प्रत्येक संभावित मरीज की जांच एवं उपचार किया जाए। अभियान प्रारंभ तिथि 1 दिसंबर से सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले टीबी एवं कुष्ठ के संभावित मरीजों की सूची पृथक से संधारित की जाएगी, जिससे अभियान के दौरान मितानिन द्वारा प्राप्त सूची से मिलान किया जा सके।

अभियान के दौरान घर-घर भ्रमण कर चिन्हांकित एवं पंजीकृत किए गए सभी टीबी व कुष्ठ के संभावित मरीज निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जांच हेतु उपस्थित नहीं होते हैं, तो ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (पुरुष) या एएनएम द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से संभावित टीबी एवं कुष्ठ मरीजों की सूची प्राप्त कर घर भेंट कर सैंपल एकत्रित कर नजदीकी डीएमसी या जांच केंद्र तक पहुंचाया जाएगा। कुष्ठ संभावित मरीज हेतु एमपीब्ल्यूए एनएमए द्वारा जांच कर कुष्ठ की पुष्टि होने पर पुनः मेडिकल आफिसर से पुष्टि कराई जाएगी।

संभावित टीबी के लक्षण-

एक हफ्ते से ज्यादा की खांसी। बलगम में खून आना। दो हफ्तों से ज्यादा बुखार। वजन कम होना।

संभावित कुष्ठ के लक्षण-

 चमड़ी पर दाग, चकत्ते जिसमे सुन्नपन हो। घाव जो भर न रहे हों, चमड़ी पर तेलिया तामिया चमक हो। चमड़ी पर (खासकर चेहरे पर), भौहों के ऊपर, ठुढी पर या कानों में गठानें, सूजन या मोटापन हो। तंत्रिकाओं में मोटापन। सूजन हो। दबाने से दर्द होता हो। हाथ पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन हो।

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