Rajnandgaon latest news स्थानीय निवासी भी कर रहे हैं आमोद प्रमोद के नाम पर बांध पर होने वाले कार्य का विरोध
Rajnandgaon latest news राजनांदगांव ! छत्तीसगढ़ के राजधानी स्थित बोरियाखुर्द के गजराज बांध जो कि करीबन 230 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है ,और एक प्रकार से यह बांध अविभाजित मध्यप्रदेश के भोपाल ताल जैसा ही है या यह कहें कि यह छत्तीसगढ़ का छत्तीसगढ़ ताल है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ।
शासन इसको सुंदरीकरण और विकसित कर भोपाल ताल के रूप में विकसित कर सकता है और यह गराज बांध छत्तीसगढ़ के रमणीय और दर्शनीय स्थल में से एक हो सकता है ।शासन इस कार्य को ना करके इस तालाब पर आमोद प्रमोद के नाम से तालाब पर अतिक्रमण कर रहा है ।
Rajnandgaon latest news या यूं कहें कि तालाब पर जो विशाल क्षेत्र है उसको पटाव कर कम कर रहा है। वर्तमान समय में जल की महत्ता क्या है यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है, और ऐसे समय में जल का संरक्षण संवर्धन ना सिर्फ शासन-प्रशासन अपितु प्रत्येक मानव के लिए पहली जिम्मेदारी है । ऐसे में सरकार संरक्षित जल को ,संग्रहित संचित जल क्षेत्र को और विकसित या विस्तारीकरण ना करके उसे लघु स्वरूप दे रहा है ।
सरकार की मंशा और नीति समझ से परे है जिसे पर्यावरण प्रेमी समझ नहीं पा रहा है। यही वजह है कि आमोद प्रमोद के नाम से गजराज बांध पर जो अतिक्रमण कर बांध क्षेत्र को कम करने कि दिशा में कार्य किया जा रहा है उसका ग्रीन आर्मी संस्था के पदाधिकारियों सदस्य और पर्यावरण प्रेमी तथा स्थानीय निवासी जमकर विरोध कर रहे हैं ।बल्कि नैसर्गिक सुंदरता से परिपूर्ण गजराज बांध के संरक्षण और सुरक्षा को लेकर खुलकर सामने आ गए हैं ।
Rajnandgaon latest news आमोद प्रमोद के नाम से इस बांध पर जो कार्य किया जाना है उसका विरोध कर रहे हैं तथा उनकी मांग है कि आमोद प्रमोद के नाम से इस छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़ मिनी ताल के साथ छेड़छाड़ ना किया जाए ।
यदि आमोद प्रमोद के नाम से सरकार को विकसित करना है तो रायपुर शहर में एवं आसपास के क्षेत्रों में अनेक आमोद प्रमोद स्थल है जो कि परिपूर्ण नहीं है वहां उन स्थलों को पूर्ण विकसित करें खेल के संसाधन बनाए स्थलों को हरियाली से परिपूर्ण वहां की सुंदरता को विकसित करे ।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि प्राकृतिक संतुलन के जहां वन, जल और थल क समान प्रतीशत होना आवश्यक है किंतु विकास की की अंधी दौड़ में औद्योगिकरण के नाम पर जिस प्रकार से वन क्षेत्र कम हो रहे हैं पर्वत नदी नालों किनारे जिस प्रकार मानव की बसाहट हो रही है ऐसे में जल भराव क्षेत्र को कम करके सरकार पर्यावरण को प्रदूषित कर रही हैं ।
प्राकृतिक संतुलन से खिलवाड़ कर रहे हैं जो न सिर्फ मानव जाति बल्कि समूचे जीव जंतु प्राणियों के लिए भी एक आत्मघाती कदम है।
ग्रीन आर्मी के पदाधिकारी रवि सिंह ठाकुर ने कहा है कि हम इस अपील के माध्यम से सरकार से आग्रह करते हैं की आमोद प्रमोद के नाम पर इस मांग पर होने वाले कार्य को तुरंत रोक लगाये ।
हमारी शांतिप्रिय मांगों को यदि सरकार नजर अंदाज करती है तो ग्रीन आर्मी पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय नागरिक इसके लिए और कारगर कदम उठाएंगे ।