Rajnandgaon : कैबिनट मंत्री साय से मिले व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारी

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Rajnandgaon छत्तीसगढ़ में विलुप्त भाजपा नंदकुमार साय के अनुभव तर्जुर्बो को समझ नहीं पाई

Rajnandgaon राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त नंद कुमार साय से डोंगरगढ़ प्रवास के दौरान कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

जिला कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सैय्यद अफजल अली ने कहा-व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष विमल अग्रवाल के प्रतिष्ठान में जिला प्रवक्ता रूपेश दुबे, महामंत्री नासिर जिंदरान, जिला उपाध्यक्ष खिलेश्वर बंटी पाल, मनीष गुप्ता, अन्य व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने कैबनेट मंत्री से औद्योगिक विषयों पर चर्चा कर जिले की स्थिति से अवगत कराया।

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सैय्यद ने कहा कि हाल ही में बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए आदिवासी नेता नंदकुमार साय को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष कैबिनट मंत्री दर्जा पर नियुक्त किया है।  सैय्यद ने कहा कि नंदकुमार साय सरगुजा क्षेत्र के कद्दावर आदिवासी नेता हैं। इनका तजुर्बा और जमीनी स्तर पर पकड़ देखते हुए लगता है।

सरगुजा क्षेत्र के साथ-साथ पूरे प्रदेश ने इनका अनुभव आगामी विधानसभा चुनाव में क्षेत्र और प्रदेश के काम आएगा। श्री साय की लोगों के बीच में लोकप्रियता और बेहतरीन स्वभाव के धनी हैं।

नंदकुमार साय हमेशा ही क्षेत्रवासियों और आदिवासियों के हित में कार्य करते हुए नजर आते हैं। प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये दायित्व देकर उम्मीद है कि  साय ऐसे ही निरंतर कांग्रेस के आवाज बनेंगे।

नंदकुमार साय बीजेपी के एक प्रमुख आदिवासी चेहरा एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले साय पहली बार 1977 में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट (अब जशपुर जिले में) से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे। वह 1980 में बीजेपी की रायगढ़ जिला इकाई के प्रमुख चुने गए। वह 1985 में तपकरा से बीजेपी विधायक चुने गए।

वह 1989, 1996 और 2004 में रायगढ़ से लोकसभा सदस्य और 2009 और 2010 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। साय 2003-05 तक छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष और 1997 से 2000 तक मध्य प्रदेश बीजेपी प्रमुख रहे। नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने।

साय 2017 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष बने। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में विलुप्त भाजपा नंदकुमार साय के अनुभव तर्जुर्बो को समझ नहीं पाई।

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