छत्तीसगढ़ के गौरव एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल इन दिनों गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं। वे रायपुर स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती हैं तथा वेंटिलेटर पर हैं। उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना साहित्य प्रेमी एवं प्रशंसक कर रहे हैं।
साहित्यकार शुक्ल के शिष्य एवं प्रशंसक संकेत ठाकुर ने सोशल मीडिया पर अस्पताल की व्यवस्था पर आक्रोश व्यक्त करते हुए चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि एम्स जैसे सुविधासंपन्न अस्पताल में उचित देखभाल नहीं हो रही, जिससे परिजन परेशान हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर रायपुर आने के दौरान विमान से उतरते ही फोन कर शुक्ल के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। इसके बाद राज्य प्रशासन में हलचल मची तथा एक अधिकारी ने उनके पुत्र शास्वत शुक्ल से इलाज सहायता के लिए आवेदन मांगा। शास्वत ने स्वाभिमान से आवेदन देने से इनकार कर दिया। सरकारी सहयोग न मिलने पर निजी अस्पताल में लगभग चार लाख रुपये खर्च कर इलाज कराने के बाद 5 नवंबर को उन्हें घर लाया गया।
इसके बाद 21 नवंबर को शारीरिक रूप से कमजोर शुक्ल को घर पर ही साधारण कार्यक्रम में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। 3 दिसंबर को स्वास्थ्य बिगड़ने पर सांस लेने में तकलीफ बढ़ी तथा निजी अस्पताल के भारी खर्च को देखते हुए उन्हें एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया। भर्ती हुए 15 दिन बीत चुके हैं तथा अब उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में अव्यवस्था के कारण उन्हें स्वयं ड्रेसिंग, बिस्तर की चादर बदलना, डायपर चेंज करना तथा अन्य कार्य करने पड़ रहे हैं। सुरक्षा गार्ड आवाज लगाकर बुलाते हैं तथा रात में भी छोटे-छोटे कार्यों के लिए परिजनों को जगाया जाता है। सफाई एवं अन्य सुविधाओं में लापरवाही के कारण संघर्ष करना पड़ रहा है। ड्यूटी याद दिलाने पर स्टाफ निजी नर्सिंग स्टाफ लाने का सुझाव देता है।
साहित्य प्रेमी दुखी हैं कि इतने बड़े साहित्यकार की देखभाल ठीक नहीं हो रही तो साधारण मरीजों की स्थिति क्या होगी। शुक्ल की यह स्थिति छत्तीसगढ़ की साहित्य बिरादरी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।