Raipur Crime लोन लेने वाले व्यक्तियों से सांठगांठ कर बैंक अधिकारी ही कर रहे करोड़ो का हेराफेरी
Raipur Crime रायपुर ! राजधानी में धोखाधड़ी हेरा फेरी का अजीबोगरीब मामला सामने आता है कभी बैंक के अधिकारी कर्मचारी ही सांठ गांठ कर पैसे वायरा न्यारा करते हैं तो कभी बैंक अधिकारी मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन की आड़ में करोड़ों रुपए का चपत लगाते हैं वैसे ही एक मामला राजधानी के सरस्वती नगर थाना क्षेत्र से आया है जहां बैंक अधिकारियों ने लोन लेने वाले व्यक्तियों से सांठगांठ कर बैंक को चार करोड़ 17 लाख रुपये से अधिक का बैंक को चूना लगाया है।
कोर्ट के आदेश के बाद सरस्वती नगर थाना पुलिस ने 14 लोगों पर अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने अनिल सिंह भदौरिया, दिलीप सिंह, सोनू देवांगन, सुधीर गुप्ता, अबान अहमद खान, भागवत प्रसाद यादव, परवेज खान, सुमित दुबे, अमित कुमार सिन्हा, नीरज राजपूत, रवि कांत साहू, रमेश कुमार साहू, आरिफ रहमान सिद्दीकी, इरफान काजी, अयान काजी, सहाबुद्दीन अहमद काजी, अब्दुल हसीद के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
बता दे थाने में कोटक महिंद्रा के मैनेजर राजेश राठौर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई रिपोर्ट के अनुसार कोटक महिन्द्रा बैंक के रिलेशनशिप मैंनेजर एवं अधिकृत सेलिंग एजेंट के द्वारा 14 लोन लेने वाले व्यक्तियों के साथ आपस में मिलकर फर्जी एवं कूटरचित जमानतदार प्रपत्र एवं अन्य दस्तावेज तैयार कर लगभग 4 करोड़ 17 लाख रुपये का फर्जी लोन पास करवा कर धोखाधड़ी की गई।
राजेश राठौर ने बताया कि महिंद्रा बैंक कार्यालय सिटी प्लाजा, जीइ रोड में स्थित है। बैंक के द्वारा कुल 14 लोन लेने वाले व्यक्तियों की मांग पर 15 सेकेंड हैंड ट्रक वाहन को उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आरसी इंश्योरेंस आदि का प्रथम दृष्टतया सत्यता के आधार पर आवेदक बैंक में बंधककृत कर कुल राशि 4 करोड़ 17 लाख रुपये बंधक ऋण माह अगस्त 2022 से माह नवंबर 2022 के मध्य नियम एवं शर्तों के अधीन किया गया गया थाअलग-अलग जिले के 14 लोन धारकों को रकम दी गई।
वाहन बंधककृत कर बंधक ऋण प्रदाय किए जाने उपरांत उपरोक्त सभी 14 व्यक्तियों के द्वारा बैंक को बंधक ऋण की राशि लगातार अदा नहीं किए जाने पर बैंक द्वारा सभी सभी व्यक्तियों को पांच जनवरी 2023 को नोटिस भेजा गया। जिसका कोई जवाब नहीं देने पर एवं बैंक को संदेह होने पर उपरोक्त सभी लोन लेने वाले व्यक्तियों को नोटिस भेजा गया था।जिसमे नोटिस के बाद भी लोन लेने वाले बैंक के समक्ष नहीं पहुंचे न ही नोटिस का जवाब दिया।
संदेह और अधिक बढ़ने व्यक्तियों का उनके दिए पते पर पतासाजी करने पर पता नहीं चला और वहां रहने वालों के द्वारा बताया गया ये सब दूसरे राज्य चले गए।जब विभागीय जांच की गई तो पता चला कि बैंक के अधिकृत डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट अनिल सिंह भदौरिया और आपरेशन टीम के रिलेशनशिप मैनेजर दिलीप सिंह के द्वारा आपस में मिलकर षडयंत्रपूर्वक स्वत: के फायदे के लिए उपरोक्त 14 लोन लेने वाले व्यक्तियों से सांठगांठ कर उन्हें लाभ पहुंचाये जाने की मंशा से प्रत्येक व्यक्तियों का फर्जी जमानदार का दस्तावेज एवं अन्य लोन के लिए कूटरचित कर और इस के लिए जाली दस्तावेजों तैयार कर लोन दिलवाया गया।बहरहाल पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर विस्तृत पुछताक्ष में जुटी है।
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