Raipur Breaking : हैरानी की बात, निलंबन अवधि में भी बेधड़क सरकारी कामकाज करता रहा तहसीलदार….आइये जानें

Raipur Breaking :

Raipur Breaking :  संभागायुक्त के आदेश को धता बताते हुए जारी ट्रांसफर-पोस्टिंग

Raipur Breaking :  रायपुर !   छत्तीसगढ़ में सरकार किस तरह काम कर रही है, यह देखने वाली बात है। न नियमों का ध्यान और ना ही पूर्ववर्ती आदेश की परवाह अपने ही संभागायुक्त के आदेश को धता बताते हुए ट्रांसफर पोस्टिंग जारी है।


यह मामला प्रदेश भर में तहसीलदारों के हालिया तबादला आदेश में एक निलंबित तहसीलदार का भी तबादला कर दिया गया है जबकि तहसीलदार को निलंबित किए 48 घंटे भी नहीं बीते थे। हैरानी की बात है कि निलंबन अवधि में भी तहसीलदार बेधड़क सरकारी कामकाज करता रहा।


दस्तावेज बताते हैं कि निलंबन अवधि के दौरान तहसीलदार ने डिजिटल सिग्नेचर से सौ से भी ज़्यादा जाति प्रमाण पत्र भी जारी किया।
दरअसल, दो दिन पहले ही धमतरी कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर रायपुर संभागायुक्त ने बेलरगांव तहसीलदार अनुज पटेल को निलंबित किया था।

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निलंबन के बाद रायपुर आयुक्त कार्यालय में अटैच किया गया था लेकिन शुक्रवार को जारी हुई तहसीलदारों की तबादला सूची में अनुज पटेल का भी नाम शामिल कर लिया गया। अनुज को धमतरी से सक्ती का नया तहसीलदार बना दिया गया।


राजस्व विभाग की ओर से जारी आदेश में बकायदा सभी को तत्काल भार मुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है। साथ ही इस आदेश के बाद तत्काल सात दिन के भीतर ज्वॉइन करने का भी निर्देश दिया गया है। अब सवाल ये उठता है कि क्या अनुज पटेल बतौर सक्ती तहसीलदार ज्वॉइन कर पाएंगे?


सरकारी नियम बताते है कि जब तक निलंबन बहाल न हो जाए तब तक तबादला नहीं कर सकते। ये नियम विरुद्ध है तो अब ऐसे में दो दिन में ही तहसीलदार अनुज का तबादला कैसे हो गया।

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Raipur Breaking : तहसीलदार अनुज कितना ‘पावर-फूल’ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निलंबन आदेश जारी होते ही तहसीलदार संघ के सदस्यों ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया था। बकायदा तहसीलदार संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व मंत्री से मिलकर अनुज के निलंबन बहाली की मांग भी की थी।

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