रायपुर। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने राजधानी रायपुर की सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए 110 करोड़ 17 लाख रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा है। विभाग का दावा है कि जिले की 337 किमी सड़कें बारिश के कारण खराब हो चुकी हैं। लेकिन जब दैनिक भास्कर की टीम ने इस सूची की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

दुरुस्त सड़कें भी शामिल, जर्जर सड़कें बाहर
पीडब्ल्यूडी की बनाई सूची में ऐसी कई सड़कें शामिल हैं जिन पर एक भी गड्ढा नहीं है और यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। वहीं, राजधानी की कई जर्जर सड़कें—जैसे भाठागांव रोड और भनपुरी रेलवे क्रॉसिंग रोड, जिन्हें लेकर आए दिन हादसे होते हैं—लिस्ट से बाहर कर दी गई हैं।
अधिकारियों का दावा
“बारिश के बाद रायपुर जिले की कुल 337 किमी सड़क का नवीनीकरण करना है। इसके लिए 110 करोड़ 17 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही काम शुरू करेंगे।”
— ज्ञानेश्वर कश्यप, सीई, रायपुर
जमीनी हकीकत : जहां गड्ढा नहीं, वहां भी करोड़ों का बजट
- केनाल लिंकिंग रोड (2 किमी) – सड़क बिल्कुल दुरुस्त, एक भी गड्ढा नहीं, फिर भी 1.88 करोड़ मांगे गए।
- कचहरी चौक से मोवा रोड (1.6 किमी) – डामर उखड़ा नहीं, रोजाना 50 हजार वाहन गुजरते हैं, फिर भी 1.60 करोड़ का प्रस्ताव।
- गुढ़ियारी-रामनगर-कोटा-हीरापुर-टाटीबंध (9.40 किमी) – सड़क दुरुस्त, लेकिन मरम्मत के लिए 8.38 करोड़ की मांग।
शहर की प्रमुख सड़कें जिन्हें नवीनीकरण सूची में रखा गया
- फुंडहर-देवपुरी (1 किमी) – खराब, मरम्मत पर 50 लाख।
- कचना-पिरदा (3 किमी) – टूट चुकी, मरम्मत पर 1 करोड़।
- धरमपुरा-वीआईपी (4.5 किमी) – उखड़ी सड़क, मरम्मत पर 2.16 करोड़।
- भनपुरी चौक-रावांभांठा सर्विस रोड (5 किमी) – खराब, मरम्मत पर 1.60 करोड़।
- कचहरी चौक-मोवा ओवरब्रिज (1.6 किमी) – सूची में शामिल, खर्च 1.60 करोड़।
कुल मिलाकर, पीडब्ल्यूडी की मरम्मत सूची पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर क्यों राजधानी की सबसे जर्जर सड़कें बाहर हैं और दुरुस्त सड़कों के लिए करोड़ों रुपए का बजट मांगा गया है।