दंतेवाड़ा के गीदम में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) की नियुक्ति को लेकर बस्तर का स्वास्थ्य तंत्र सवालों के घेरे में है। डॉ. देवेंद्र प्रताप, जो साल 2021 से बिना अनुमति के गैरहाजिर थे, को अचानक BMO बना दिया गया।
जानकारी के अनुसार, CMHO और सिविल सर्जन ने उनकी गैरहाजिरी पर 2022 से 2024 के बीच 5 बार नोटिस जारी किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। 6 जून 2022 को उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी हुई थी। हालांकि, 30 मई 2025 को उप संचालक को भेजे गए पत्र में डॉ. देवेंद्र ने “पारिवारिक कारण” बताकर वापस ज्वाइन करने की इच्छा जताई। नतीजतन, 4 जुलाई 2025 को उन्हें गीदम का BMO नियुक्त कर दिया गया।

सूत्रों के मुताबिक, इस नियुक्ति के पीछे भारी राजनीतिक दबाव का आरोप है। कांग्रेस ने कहा कि डॉ. देवेंद्र पर पहले भी मरीजों से दुर्व्यवहार और लापरवाही के आरोप लगे थे और 2021 में कोविड अस्पताल के प्रभार से जनता के विरोध के बाद हटाए गए थे। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष साक्षी रविश सुराना ने इस नियुक्ति को “भ्रष्टाचार की पूर्व तैयारी” बताया और भाजपा पर सौदेबाजी का आरोप लगाया।
भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष गुप्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी ने नियुक्ति में कोई हस्तक्षेप नहीं किया और कांग्रेस के कार्यकाल की भी जांच की मांग की।