primary health center Charcha :  चरचा के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं, दो स्टाफ नर्स के भरोसे अस्पताल

primary health center Charcha :  चरचा के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं, दो स्टाफ नर्स के भरोसे अस्पताल

primary health center Charcha :  चरचा के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं, दो स्टाफ नर्स के भरोसे अस्पताल

 

primary health center Charcha : कोरिया जिले के नगर पालिका क्षेत्र शिवपुर चरचा के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं हैं। दो नर्स स्टाफ के भरोसे अस्पताल संचालित किया जा रहा है। इलाज के लिए मरीज परेशान हो हैं।

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primary health center Charcha : आपको बता दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग ने कोविड के दौरान एक डॉक्टर व स्टाफ को पदस्थ किया था पर कुछ महीने बाद स्टाफ को यहां से हटा दिया गया। अस्पताल में सिर्फ दो नर्स व्यवस्थाएं संभाल रहीं हैं।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि चरचा में पर्याप्त सेटअप नहीं होने व भवन अधूरा होने के कारण डॉक्टर की पदस्थापना नहीं की जा रही है। जिला अस्पताल में भी डॉक्टर व स्टाफ की कमी बनी हुई है। ऐसे में डॉक्टर स्टाफ की नियुक्ति को लेकर बड़ी समस्या है। बता दें कि शिवपुर चरचा नगर पालिका क्षेत्र है।

यहां एसईसीएल की कोयला खदानें भी संचालित हैं। स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलने से करीब 25 हजार आबादी को परेशानी हो रही है। नगर सहित आसपास के गांवों के ग्रामीण यहां इलाज के लिए आते हैं पर अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने से मरीजों को इलाज के लिए भटकते देखा जा सकता है।

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मजबूरी में लोग निजी क्लिनिक में इलाज के लिए जा रहे हैं। इन दिनों मौसम में उतार चढ़ाव की वजह से सर्दी, खांसी, बुखार, हाथ पैर दर्द, जी घबराना जैसी बीमारियों के साथ वायरल का प्रभाव है।

चरचा कॉलरी से बैकुंठपुर जिला अस्पताल की दूरी 12 किमी है। जहां जाने-आने में ऑटो में 40 से 50 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। यात्री बसों से आने जाने में भी दिक्कत होती है। ऐसे में शहरवासी लंबे समय से अस्पताल में डॉक्टर की नियुक्ति को लेकर मांग कर रहे हैं।

पहले एक डॉक्टर अपनी सेवाएं देते थे लेकिन वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर नियुक्त नहीं है। लोगों को हो रही परेशानियों की न जनप्रतिनिधियों को है और न अफसरों को।

लोगों का कहना है कि अक्सर दुर्घटनाओं के केस में प्राथमिक उपचार किसी संजीवनी से कम नहीं होता है पर चरचा कॉलरी में मरीज को या तो एसईसीएल के रीजनल अस्पताल का सहारा लेना पड़ता है या फिर 12 किमी दूर जिला अस्पताल आना पड़ता है।

जिले में डॉक्टरों व स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की कमी पर अफसर चुप्पी बरते रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि शासन स्तर पर नियुक्ति नहीं हो रही है इसलिए परेशानी है।

सीएमएचओ डॉ आर एस सेंगर ने कहा कि चरचा में पर्याप्त सेटअप नहीं है। भवन निर्माण भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में दो नर्स स्टाफ को यहां लोगों की सुविधा के लिए रखा गया है। उन्होंने डॉक्टरों की कमी को भी एक वजह बताया

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