भारत को एक्सपोर्ट हब बनाने की तैयारी तेज, 28 राज्यों ने बनाई रणनीति, होंगे ये फायदे

भारत को एक्सपोर्ट (निर्यात) हब बनाने की तैयारी तेज हो गई है। सोमवार को एक अधिकारी ने बताया कि देश के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी निर्यात रणनीति तैयार की है।  अधिकारी ने यह भी कहा कि सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने राज्य निर्यात संवर्धन समिति (एसईपीसी) और जिला निर्यात संवर्धन समिति (डीईपीसी) का गठन किया है। इसके अलावा, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के क्षेत्रीय अधिकारियों ने 590 जिलों के लिए जिला कार्ययोजना का मसौदा तैयार किया है। इनमें से 249 जिलों को डीईपीसी ने औपचारिक रूप से अधिसूचित किया है। अधिकारी ने बताया कि इन योजनाओं में जिलों से निर्यात को बढ़ावा देने की एक व्यापक रणनीति शामिल है।

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे 

केंद्र राज्यों को निर्यात संवर्धन गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है क्योंकि इससे घरेलू विनिर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारी ने कहा कि 28 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य निर्यात रणनीति तैयार की गई है। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल हैं। विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में, डीजीएफटी ने ‘जिला निर्यात केंद्र’ पहल को शामिल किया है। इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले की क्षमता और विविधता को दिशा प्रदान करके उन्हें निर्यात केंद्र बनाना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, देश के सभी जिलों में निर्यात क्षमता वाले उत्पादों और सेवाओं की पहचान की गई है। 

निर्यातकों को मिलेगी सभी तरह की मदद 

निर्यात संवर्धन के लिए सहायता प्रदान करने और निर्यात वृद्धि की बाधाओं को दूर करने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर एसईपीसी और जिला स्तर पर डीईपीसी के रूप में एक संस्थागत व्यवस्था बनायी गयी है। उत्पादकों और विनिर्माताओं दोनों के लाभ को पहचाने गए उत्पादों और सेवाओं के लिए जिला निर्यात कार्ययोजनाएं तैयार की जा रही हैं। इसका मकसद निर्यात की चुनौतियों का समाधान, बुनियादी ढांचा बाधाओं, आपूर्ति श्रृंखला अंतर की पहचान, बाजार पहुंच में सुधार और निर्यात बढ़ाने के लिए सहायता प्रदान करना है। 

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