रायपुर। छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के महा-शुद्धिकरण ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (SIR) को लेकर सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच जोरदार आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। रायपुर सांसद और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अगर SIR ईमानदारी से हुआ, तो रायपुर से एक लाख फर्जी वोटर कट जाएंगे। उन्होंने इसे ‘लोकतंत्र की सफाई’ बताया और कहा कि फर्जी नाम हटेंगे तथा नए मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने खुद स्वीकार किया कि रायपुर में एक लाख फर्जी वोटर हैं। उन्होंने घोषणा की कि कांग्रेस 400 टीमें बनाकर हर जिले में SIR मॉनिटरिंग सेल तैयार कर रही है और चुनाव आयोग से समय-सीमा बढ़ाने की मांग की है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त यशवंत कुमार ने मतदाताओं से 15 दिसंबर तक अपने नाम और पते की जांच करने और फॉर्म-6, 7, 8 ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करने की अपील की। हेल्पलाइन 1950 पर 24×7 सहायता उपलब्ध है।
SIR प्रक्रिया में रायपुर अर्बन में 22.40 लाख मतदाता हैं। इसमें 1.80 लाख नए नाम जुड़ने और 1.10 लाख नाम कटने का अनुमान है। पूरे प्रदेश में 42 हजार बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर सूची का सत्यापन कर रहे हैं।
दीपक बैज ने कहा कि केवल एक महीने का समय पर्याप्त नहीं है। नवंबर में किसान धान की कटाई में व्यस्त रहेंगे और उसके बाद खरीदी का समय शुरू होगा। उन्होंने कहा कि कुछ दूरदराज क्षेत्रों में राजस्व सर्वे तक नहीं हुआ है, ऐसे में सत्यापन करना मुश्किल होगा।
बैज ने बिहार में पहले चरण के मतदान पर भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि वहां की जनता बदलाव के मूड में है।
बिलासपुर रेल हादसे पर उन्होंने रेलवे की लापरवाही को गंभीर बताया और मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये तथा घायलों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने बताया कि आज फिर बिलासपुर में एक बड़ी रेल दुर्घटना टली, लेकिन रेलवे सिस्टम चौपट है और यात्रियों में डर बना हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने एग्रीस्टेक पोर्टल की विफलता को लेकर सरकार पर हमला बोला और किसानों के ऑफलाइन पंजीयन की मांग की। सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल पर उन्होंने चिंता जताते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की।
‘वंदे मातरम्’ विवाद पर बैज ने भाजपा पर पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस के सभी कार्यक्रम राष्ट्रगान से शुरू और वंदे मातरम् से समाप्त होते हैं, जबकि भाजपा ने वर्षों तक तिरंगा फहराने का काम नहीं किया।