नाबालिग बालिकाओं व महिलाओं की गुमशुदगी/मानव तस्करी के थानावार

हिंगोरा सिंह

सरगुजा। विधानसभा क्षेत्र सीतापुर के अंतर्गत वर्ष 2021 से जनवरी 2025 तक नाबालिग बालिकाओं व महिलाओं की गुमशुदगी/मानव तस्करी के थानावार, दर्ज प्रकरणों की जानकारी को लेकर सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने सदन में मांगा जवाब सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो लगातार विधानसभा सत्र में अपने क्षेत्र की गंभीर समस्याओं को लेकर सजगता से प्रश्न रख रहे सीतापुर विधानसभा क्षेत्र में नाबालिक बालिकाओं ,महिलाओं की गुमशुदगी,मानव तस्करी जैसे गंभीर समस्या को लेकर आज उन्होंने सदन में अपना प्रश्न रखा जिसको लेकर सदन में उप मुख्यमंत्री (गृह)विजय शर्मा जी ने अपना जवाब दिया। उन्होंने अपने जवाब में नाबालिक बालिकाओं, महिलाओं के गुमशुदगी ,मानव तस्करी को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की जा रही कार्यों के बारे में जानकारी दिया है,जिसमें उन्होंने कहा है महिला अपराधों की रोकथाम एवं पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाने के लिये अविलंब प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर यथाशीघ्र विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है तथा महिला संबंधी प्रकरणों में साक्षियों की उपस्थिति माननीय न्यायालय में सुनिश्चित की जा रही है। गुम होने वाले प्रत्येक बच्चों के प्रकरण में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कर अनिवार्य रूप से प्रथम सूचना पत्र (FIR) दर्ज किया जा रहा है। राज्य के चार जिलो में महिला थाना संचालित है, जनवरी 2025 को जिला-कबीरधाम में महिला थाना प्रारंभ किया गया है। जिला-राजनांदगांव, रायगढ़, बस्तर एवं जशपुर में शासन द्वारा नवीन महिला थाना स्वीकृत की गयी है एवं 553 थाना/चौकी में महिला हेल्पडेस्क का गठन किया गया है।

मानव व्यापार को रोकने हेतु राज्य स्तर पर मानव तस्करी निरोधक ब्यूरो (AHTB-Anti Human Trafficking bureau) एवं 27 जिलों में मानव तस्करी निरोधक इकाई (AHTU-Anti Human Trafficking Unit/ Cell) स्थापित है।

गुम बच्चों के पतातलाश हेतु प्रत्येक थानों में “गुम इंसान इकाई” गठन किया गया है।

प्रदेश के समस्त जिलों में बच्चों के प्रकरण के जांच करने हेतु थानों में विशेष किशोर पुलिस इकाई (SJPU) एवं बाल कल्याण पुलिस अधिकारी (CWPO) नामित किया गया है।

गुम बच्चों की खोजबीन हेतु विशेष अभियान Operation Muskan चलाया जा रहा है। जनवरी 2025 तक 7701 गुम बालिकाओं को बरामद किया गया है।

महिला/बालिकाओं की सुरक्षा एवं शिकायतों के त्वरित निराकरण हेतु अभिव्यक्ति ऐप लॉच किया गया हैं।

महिला के विरूद्ध होने अपराधिक घटनाओं में त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्यव्यापी 24×7 टोल फ्री नम्बर 181 संचालित है।

सखी वन स्टाप सेंटर, पीड़ित महिला/बालिकाओ को आवश्यकतानुसार चिकित्सा, विधिक, पुलिस, अस्थायी आश्रय, मानसिक चिकित्सा/परामर्श की सुविधा तत्काल उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रदेश के 27 जिलो में संचालित है।

प्रत्येक गुम बच्चों की प्रविष्टि केन्द्रीय महिला बाल विकास विभाग द्वारा विकसित “मिशन वात्सल्य पोर्टल” पर किया जा रहा है।

मानव तस्करी और व्यावसायिक यौन शोषण से पीड़ितों के बचाव, पुनर्वास एवं मुख्य धारा में जोड़ने के लिए जिला-कोरबा, कोरिया एवं सरगुजा में “शक्ति सदन योजना” संचालित है। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से बच्चों के अधिकारों और उनके साथ किये जाने वाले व्यवहार के प्रति पुलिस अधिकारियों एवं आम नागरिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न 09 विषयों पर चाईल्ड सेफ्टी माड्यूल लांच किया गया है। आम नागरिकों को मानव तस्करी के प्रति जागरूक करने के लिये स्कूल/कॉलेज, छात्रावास एवं सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर, शार्ट फिल्म, छायाचित्र आदि के माध्यम से जन जागरूकता अभियान आयोजित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस एवं आईआईएम, रायपुर के मध्य समझौता किया गया है, जिसके तहत मानव तस्करी का विस्तृत अध्ययन करते हुए एक कार्ययोजना तैयार की जायेगी, ताकि पीड़ितों को पुनः शिकार होने से बचाया व पलायन को रोका जा सके।