आधुनिकता और परंपरा का संगम: पीएम मोदी करेंगे छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण, रजत जयंती वर्ष में राज्य को मिलेगा भव्य परिसर
रायपुर। छत्तीसगढ़ के इतिहास में 1 नवंबर 2025 का दिन एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य की जनता को नया विधानसभा भवन समर्पित करेंगे। वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद राजकुमार कॉलेज परिसर से शुरू हुई छत्तीसगढ़ विधानसभा अब 25 वर्षों बाद रजत जयंती वर्ष में अपने स्थायी और आधुनिक भवन में स्थानांतरित हो रही है।

यह नया विधानसभा भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और आस्था का प्रतीक है। इसकी वास्तुकला में प्रदेश की पहचान—‘धान का कटोरा’—को उकेरा गया है। सदन की छत पर धान की बालियों और पत्तियों की आकृतियां बनाई गई हैं, जबकि फर्नीचर और दरवाजे बस्तर के काष्ठ शिल्पियों की पारंपरिक कला से सजे हैं।
आधुनिकता से लैस, परंपरा में रचा-बसा भवन
भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस भवन को स्मार्ट विधानसभा के रूप में डिजाइन किया गया है। यह पूरी तरह पेपरलेस प्रणाली पर आधारित है और सदन में 200 सदस्यों तक के बैठने की क्षमता रखता है।
भवन का निर्माण 324 करोड़ रुपये की लागत से 51 एकड़ भूमि पर किया गया है। इसे तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है—
- विंग-A: विधानसभा सचिवालय
- विंग-B: सदन, सेंट्रल हॉल, मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के कार्यालय
- विंग-C: मंत्रियों के कार्यालय
पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा दक्ष डिजाइन
भवन को ग्रीन बिल्डिंग तकनीक से तैयार किया गया है। परिसर में सोलर पावर प्लांट, वर्षा जल संचयन के लिए दो सरोवर, और पर्यावरण संरक्षण के आधुनिक उपाय शामिल हैं।
अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और सेंट्रल हॉल
भवन में 500 सीटर ऑडिटोरियम और 100 सीटर सेंट्रल हॉल का निर्माण किया गया है, जिससे यह न केवल प्रशासनिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है।
छत्तीसगढ़ की जनता की आकांक्षाओं का प्रतीक
यह नया विधानसभा भवन राज्य के तीन करोड़ नागरिकों की आकांक्षाओं और आत्मगौरव का प्रतीक बनेगा। यह छत्तीसगढ़ की प्रगति, परंपरा और लोकतांत्रिक मूल्यों का एक भव्य प्रतीकचिह्न है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए गर्व का केंद्र होगा।
 
	
 
											 
											 
											 
											