Plantation festival पौधेरोपण उत्सव का आगाज़, बस्तर दशहरा से जुड़ेगी अब नई परिपाटी

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plantation festival रथ निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने से वन को होने वाली क्षति की होगी भरपाई

Plantation festival  जगदलपुर। बस्तर दशहरा के रथ निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने से जंगल को होने वाली क्षति की भरपाई के लिए अब हर साल पौधरोपण उत्सव मनाया जाएगा. इस नई परिपाटी की शुरुआत ग्राम मरकेल से हुई. पौधेरोपण उत्सव में इसका आगाज़ सांसद व बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज ने किया बस्तर दशहरा में अब अगले वर्ष से एक नया रस्म जुड़ेगा।

Plantation festival  बस्तर दशहरा में चलने वाले रथ के निर्माण में लगने वाली लकडिय़ों की क्षतिपूर्ति के लिए अब हर वर्ष साल और बीजा के पौधे लगाने का कार्य करने के साथ ही इसे बस्तर दशहरा के अनिवार्य रस्म में जोड़ा जाएगा। यह घोषणा सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज ने मारकेल में बस्तर दशहरा रथ निर्माण क्षतिपूर्ति पौधरोपण कार्यक्रम में की।

Plantation festival  इस अवसर पर सांसद बैज ने कहा कि बस्तर दशहरा सामाजिक समरसता के साथ अपने अनूठे रस्मों के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस पर्व में चलने वाला रथ एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। इस रथ के निर्माण के लिए बड़ी मात्रा में लकड़ी का उपयोग किया जाता है, जिसके लिए वृक्षों को काटने की आवश्यकता पड़ती है।

Plantation festival  बस्तर दशहरा का पर्व सदियों से आयोजित किया जा रहा है और यह आगे भी यह इसी भव्यता के साथ आयोजित होता रहे, इसके लिए हमें भविष्य में भी लकडिय़ों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि बस्तर की हरियाली को बनाए रखने और बस्तर दशहरा के लिए लकडिय़ों की सतत आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए अब प्रतिवर्ष साल और बीजा के पौधे लगाने का कार्य बस्तर दशहरा के रस्म के तौर पर होगा। यह पर्व मानसून के दौरान हरियाली अमावस्या पर प्रारंभ होता है. उसी दौरान पौधे लगाए जाएंगे।

Plantation festival  सम्मानित किए गए हरियाली के सजग प्रहरी

पिछले वर्ष लगाए गए पौधों से छा रही हरियाली से खुश होकर सांसद बैज ने हरियाली के रखवालों को सम्मानित कर नगद राशि भेंट की.

सांसद बैज ने कहा कि इसी स्थान पर पिछले वर्ष 365 पौधे लगाए गए थे, जिनमें मात्र 3 पौधे नष्ट हुए. उनके स्थान पर नए पौधे लगा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि साल के पौधरोपण में सफलता का प्रतिशत कम है, किन्तु यहां ग्रामवासियों के सहयोग से वन विभाग ने उल्लेखनीय कार्य किया और यहां 99 फीसदी से भी अधिक पौधे जीवित रहे।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष बस्तर में चिलचिलाती गर्मी पड़ी थी. प्रतिदिन तापमान लगभग 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता था। ऐसी गर्मी के दौरान भी ट्रैक्टर से लाए गए टैंकर के पानी को मटकियों में डालकर उन्हें पौधों को दिया जाता रहा, जिससे ये सभी पौधे जीवित रहे। पौधों को पालने-पोसने का यह कार्य यहां के रखवालों ने पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाया, जिसके लिए वे प्रशंसा और सम्मान के हकदार हैं।

सांसद ने यहां लगाए गए पौधों की रखवाली कर रहे लैखन और बहादुर को पांच-पांच हजार रुपए प्रदान करने के साथ ही उनके रहने के लिए शेड बनाने की घोषणा भी की। इसके साथ ही यहां आज लगाए गए 300 पौधों के कारण यहां पौधों की बढ़ी हुई संख्या को देखते हुए सोलर ऊर्जा संचालित पंप की स्थापना की घोषणा भी की।

बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष बलराम मांझी, छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण मंडल के सदस्य बलराम मौर्य, मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, वन मंडलाधिकारी डीपी साहू ने भी समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय निगम अध्यक्ष कविता साहू, सांसद प्रतिनिधि सुशील मौर्य, धनुर्जय दास, युवा कांग्रेस के जिला महासचिव व सांसद प्रतिनिधि सोशल मीडिया अनुराग महतो, जिला उपाध्यक्ष सायमा अशरफ, अभिषेक नायडू, एस नीला सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, सरपंच, सचिव, मांझी, चालकी, मेंबरिन, बस्तर दशहरा समिति के सचिव पुष्पराज पात्र, लोहण्डीगुड़ा तहसीलदार अर्जुन श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने साल और बीजा के पौधे लगाए।

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