Petition छत्तीसगढ़ की सुप्रिया कुमारी समेत नौ राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

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Petition छत्तीसगढ़ की सुप्रिया कुमारी समेत नौ राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

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Petition छत्तीसगढ़ की सुप्रिया कुमारी समेत नौ राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

Petition रायपुर । फरवरी माह में रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे भयावह युद्ध के थमने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। भारत सरकार के सहयोग से भारत के 14 हजार चिकित्सा विद्यार्थियों को सुरक्षित रूप से वापस लाने में सफलता मिली।

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Petition आधी अधूरी पढ़ाई छोडक़र देश लौटने पर मजबूर विद्यार्थियों को भारत लौटने पर आगे की पढ़ाई के लिए सरकारी अथवा निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश नहीं मिल रहा है। जिसके चलते विद्यार्थी भविष्य को लेकर बेहद परेशान है।

Petition उक्त जानकारी प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में यूक्रेन से लौटे चिकित्सा महाविद्यालयों के संगठन के अध्यक्ष अनिल शर्मा सुप्रिया कुमारी, राजेश कुमार, सुनील पुरोहित, अमन शर्मा आदि ने संयुक्त रूप से दी। पत्रकारवार्ता में अनिल ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 207 विद्यार्थी चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गये थे।

Petition राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से मिलने पर प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए विचार करने का आश्वासन दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी विद्यार्थियों की पीड़ा को गंभीरता से सुना है।

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Petition छत्तीसगढ़ की सुप्रिया कुमारी समेत नौ राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

Petition पत्रकारवार्ता में सुप्रिया कुमारी ने बताया कि प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। नौ राज्यों के 14 हजार विद्यार्थियों का भविष्य वहां की सरकारों द्वारा निजी अथवा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश देने पर ही उज्जवल होगा।

वार्ताकारों के अनुसार यूक्रेन जाने का मुख्य कारण अध्ययन के लिए दी जाने वाली फीस में अंतर का है। भारत में चिकित्सा शिक्षा के पांच वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए प्रति विद्यार्थी एक करोड़ रुपये देना पड़ता है जबकि यूक्रेन में उक्त पढ़ाई सिर्फ 25 लाख रुपये शुल्क देने पर ही पूर्ण हो जाती है।

यूक्रेन गये विद्यार्थियों ने भी वार्ताकारों के मुताबिक नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही चिकित्सा अध्ययन के लिए पासपोर्ट वीजा बनवाकर पढ़ाई के लिए यूक्रेन पहुंचे थे।

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