छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और उनके निज सहायक पर लगे आरोपों को लेकर अब नया मोड़ आ गया है। आयोग की अध्यक्ष के निज सहायक अभय सिंह ने सामने आकर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि उन पर लगाए गए पद के दुरुपयोग और रिश्वत के आरोप पूरी तरह झूठे, मनगढ़ंत और निराधार हैं।

आयोग के सदस्यों ने लगाए थे गंभीर आरोप
दरअसल, राज्य महिला आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा और सरला कोसरिया ने प्रेसवार्ता कर अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और उनके निजी सहायक अभय सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।
सदस्यों का आरोप था कि उन्हें सुनवाई की सूचना नहीं दी जाती है और कई बार सुनवाई में अनधिकृत लोगों की मौजूदगी रहती है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि सवाल पूछने पर निजी सहायक अभय सिंह अपमानजनक व्यवहार करते हुए बिना जवाब दिए चले जाते हैं।
अभय सिंह ने बताई अपनी बात
अब अभय सिंह ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे पिछले तीन वर्षों से आयोग में ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ कार्य कर रहे हैं। उनके अनुसार, “कुछ लोग व्यक्तिगत दुर्भावना से प्रेरित होकर मुझे झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि नरीगांव (बेमेतरा) से जुड़े आरटीआई और शिकायत दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षर और मनगढ़ंत आवेदन पाए गए हैं। उनका दावा है कि इन दस्तावेजों को आयोग के एक पूर्व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी द्वारा तैयार किया गया बताया जा रहा है।