CG News: नगर में भोजपुरी समाज के लोगो ने हर्षोल्लास के साथ मनाया छठ महापर्व का त्योहार…

सरायपाली. नगर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भोजपुरी समाज से जुड़े बिहार , उत्तरप्रदेश व झारखंड राज्य से काफी संख्या में आकर यहाँ आकर बस गए हैं । सभी विभिन्न व्यवसाय कर अपना आजीवन चला रहे हैं । छठ का महापर्व इन समाज का एक प्रमुख पर्व है । वे देश के किसी भी कोने में हों यह पर्व मनाने अपने मूल निवास जरूर आकर यह महापर्व मनाते हैं । नगर में प्रत्येक वर्ष भोजपुरी समाज द्वारा बड़े ही धूमधाम से महिलाओं , बच्ची व पुरुष सभी मिलकर एकजुटता के साथ मनाते हैं ।
प्रतिदिन सुबह सूर्योदय व सूर्यास्त के पूर्व पूजन सामग्री के साथ बाजे गाजे जे साथ छठ मैय्या की पूजा करने विभिन्न सरोवरों में कमर जितने पानी मे उतर कर पूजा की जाती है । अब पिछले कुछ वर्षों से इस त्योहार की महत्ता को समझते हुवे अन्य समाज की महिलाएं भी स्वस्पुर्थ होकर भाग लेने लगी हैं ।
छठ का यह त्योहार यहां हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सरायपाली नगर हजारों की तादाद मे शंकर मुड़ा तालाब एवं झिलमिला में छठ पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। छठ महापर्व चार दिवसीय पर्व होता है,जिसमें प्रथम दिवस मंगलवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया।जिसमें महिलाएं नहाखाय द्वितीय दिवस में खरना, इसके अलावा तृतीय एवं चतुर्थ दिवस में डूबते सूर्य एवं उगते सूर्य की उपासना की जाती है। सबसे पहले सूर्य भगवान को जल अर्पण करने के बाद प्रसाद में लौकी की सब्जी और चावल-दाल ग्रहण किए। चार दिवसीय इस पूजा पर्व के दूसरे दिन बुधवार को खरना करते है , यानी नमक नहीं खाएंगे और घर-घर ठेकुआ का प्रसाद बनता है । 7 नवंबर सुबह से 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर महिलाये छठी मइया की आराधना में जाती है । पहला अर्घ्य ढलते होते सूर्य को और दूसरा अर्घ्य उगते सूर्यदेव को अर्पित कर उपवास खोला जाता है ।और छठ महापर्व को विश्व का सबसे कठिनतम व्रत माना जाता है और इसमें पुरुष भी भारी संख्याओं में सम्मिलित होते है।छठ महापर्व में महिलाएं संतान की प्राप्ति और परिवार की सुख शांति समृद्धि के लिए सूर्य देव की उपासना करती हैं। विभिन्न स्थानों मे हुवे छठ महापर्व के आयोजन मे आम नागरिकों एवं पुलिस प्रशासन का विशेष सहयोग रहा। नगरपालिका प्रशासन द्वारा सभी घाटों की इस पर्व को देखते हुवे साफ सफाई भी कराई गई थी ।

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