Patna Politics : भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जातिगत गणना: राजीव

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Patna Politics भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जातिगत गणना: राजीव

Patna Politics  पटना !  जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने केंद्र सरकार से जातिगत गणना करवाने की मांग जारी रखते हुए आज कहा कि जाति अधारित गणना भारत को विश्वगुरू बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

रंजन ने बुधवार को यहां कहा कि कोई भी देश तभी तरक्की कर सकता है जब उसके संसाधनों का बंटवारा समाज के सभी वर्गों में समान रूप से हो। इसके लिए समाज के सभी वर्गों की कुल जनसंख्या और उनकी सामजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का आकलन करना बेहद जरूरी है। इसीलिए, भारत में जातिगत गणना करवाना बेहद आवश्यक है, तभी समाज के कमज़ोर वर्गों की पहचान कर के लिए उनके लिए प्रभावी नीतियां बनाई जा सकती है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आग्रह है कि जातिगत गणना के मुद्दे पर दोहरा खेल खेलना छोड़ कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर करवाए।

जदयू महासचिव ने कहा कि भाजपा को समझना चाहिए कि देश को विश्वगुरू बनाने की दिशा में जातिगत गणना काफी महत्वपूर्ण कदम है। भाजपा समझे कि जाति भारतीय समाज का अभिन्न हिस्सा है, जो सामाजिक संबंधों, आर्थिक अवसरों और राजनीति को सीधे प्रभावित करती है। जातियों की गणना से ही भारतीय समाज की व्यापक तस्वीर प्राप्त हो सकती है। बिना सटीक आंकड़ों के समाज के संपन्न वर्गों और कमज़ोर तबकों की पहचान करना नामुमकिन है। इसके अलावा हाशिये पर खड़ी जातियों की पहचान किये बिना भाजपा का ‘अन्त्योदय’ का वादा भी जुमला बन कर रह जाएगा।

श्री रंजन ने अमेरिकी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका की बाजार विश्लेषक कंपनी मर्सेलस इंवेस्टमेंट मैनेजर्स की हालिया रिपोर्ट को देखें तो देश में छायी आर्थिक असमानता की भयावह तस्वीर साफ पता चलती है। इसके मुताबिक आज देश की 80 प्रतिशत दौलत सिर्फ दो लाख परिवारों के पास है। बीस प्रतिशत में गुजारा करने वाले 139.98 करोड़ लोगों में भी आधे से अधिक लोग दो जून की रोटी भी ठीक से नहीं जुटा पाते। भाजपा बताये कि बिना जातिगत गणना के इन लोगों के बारे में जानकारी कैसे मिलेगी, इनका उद्धार कैसे होगा।

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जदयू महासचिव ने कहा कि भारत का संविधान भी जातिगत जनगणना आयोजित कराने का पक्षधर है। अनुच्छेद 340 सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की दशा की जांच करने और इस संबंध में सरकारों द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में सिफारिश करने के लिये एक आयोग की नियुक्ति का प्रावधान करता है। भाजपा से अनुरोध है कि कम से कम संविधान की इज्जत रखते हुए राष्ट्रव्यापी जातिगत गणना की दिशा में कदम उठाये।

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