दिपेश रोहिला
Pathalgaon latest news : जशपुर जिले के सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्था हुई लचर, अव्यवस्था का आलम, प्रबंधन के कानों में नहीं रेंग रही जूं…पढ़ें पूरी खबर
Pathalgaon latest news : पत्थलगांव । 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस को लेकर पूरे देश में सेवा पखवाड़ा के तहत अस्पतालों,मंदिरों एवं सार्वजनिक स्थलों व अन्य जगहों पर स्वच्छता और साफ सफाई के लिए लोगों को जागरूक करने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। जशपुर जिले का सबसे बड़ा अस्पताल पत्थलगांव में स्थित है। परंतु यहां स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर केवल बिस्तरों में लेटे मरीजों को ऑक्सीजन, ग्लूकोज, इंजेक्शन या मरहम पट्टी तक की ही व्यवस्था नजर आती है।इमरजेंसी में यहां आने वाले अधिकांश मरीजों को रिफर कर दिया जाता है। जिससे रास्ते में ही कई मरीज दम तोड़ चुके। इतने बड़े अस्पताल में यदि स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हो तो आसपास के जिलों के लोग बेझिझक पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में आकर इलाज करवाते।
मगर ठीक इसके विपरित कुछ ऐसा है कि यहां परिसर में अव्यवस्था का आलम छाया हुआ है, वहीं मुख्य द्वार के गेट के फूटे शीशे एवं कई खिड़कियों के टूटे होने पर ही अस्पताल प्रबंधन किस प्रकार बेपरवाह है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। लोगों का कहना है वार्डों में दुर्गंध इतनी तेज होती है कि मरीज एक सुई लगवाने भी यहां आता है तो उन्हें मुंह ढककर एवं रूमाल बांधकर आने को मजबूर होना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों स्थानीय विधायक गोमती साय द्वारा 17 सितंबर को स्वच्छता को लेकर आयोजित कार्यक्रम में अस्पताल में साफ सफाई किए जाने एवं व्यवस्था का जायजा लिए जाने के बावजूद अब महज 1 हफ्ते बाद ही अस्पताल की बदहाली सामने आ रही है,अस्पताल प्रबंधन यहां की टूटी हुई खिड़कियों एवं दरवाजों की भी सुध नहीं ले रहा आए दिनों यहां अस्पताल परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा होता है जिसकी थाने में प्रबंधन द्वारा रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई जाती। बीते वर्षों पूर्व अस्पताल में घुसकर लोगों द्वारा डॉक्टरों व नर्सों से दुर्व्यवहार किए जाने का मामला भी सामने आ चुका है। इसके बावजूद किसी भी प्रकार के उचित कदम नहीं उठाए जा रहे है।
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आपको बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रदेश सहित गृहजिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष जोर दे रहे हैं मगर यहां उच्चाधिकारियों तक पहुंच होने पर वर्षों से अंगद की तरह पांव जमाए बैठे हुए हैं, जिससे कि अब अस्पताल की हालत और व्यवस्था बिगड़ना आम बात हो चुकी है। किसी भी तरह का बड़ा हादसा हो जाने पर यहां अस्पताल में ना ही बेहतर इलाज की व्यवस्था है। जिससे आपातकालीन स्थिति में लाए गए अधिकांश मरीजों को उनके परिजनों द्वारा किराए पर वाहन बुक करा कर अंबिकापुर रायगढ़ या फिर बड़े शहरों में जाकर इलाज करवाना पड़ता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल की व्यवस्था कितनी दयनीय हो चुकी है।
लोगों का कहा कहना है आखिर इतने बड़े अस्पताल में व्यवस्था ऐसी क्यों है। मरीजो को अस्पताल लेकर आने वाली एंबुलेंस को आए दिनों परेशानी उठानी पड़ रही है। यहां परिसर के सामने दोपहिया चारपहिया वाहनों का जमावड़ा आए दिनों सड़कों तक देखा जा सकता है। जिससे मरीजों को लेकर आने वाली एंबुलेंस मरीजों को सड़क से ही अस्पताल में लेकर जाने को विवश है। बीते दिनों ही अस्पताल के सामने एक महिला की ट्रक दुर्घटना में मौत हो जाने के बाद भी व्यवस्था जस की तस तस्वीर बनी हुई है। वहीं बरसात के दिनों में परिसर में लगे शेड से पानी की बूंदे टपकती रहती है यहां आने वाले नागरिक एवं मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। परिसर के द्वार पर ही बारिश के दिनों में पानी भर जाता है।
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