Paris olympics : श्रीजेश के असाधारण प्रयासों को भारत की जीत का श्रेय
Paris olympics : पेरिस ! पेरिस ओलंपिक में रविवार को पुरुष हॉकी मैच के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारत को ब्रिटेन पर मिली जीत का श्रेय काफी हद तक अनुभवी गोलकीपर पीआरश्रीजेश के असाधारण प्रयासों को जाता है।
भारत ने आज शूट-आउट में ब्रिटेन को 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। मैच की शुरुआत में अमित रोहिदास को रेड कार्ड मिल जाने से भारतीय टीम मुश्किलों से भरी रही और इसके बाद टीम 10 खिलाड़ी के साथ मुकाबला खेली। इस झटके के बावजूद श्रीजेश गोलकीपर की भूमिका में डटे रहे और कई महत्वपूर्ण बचाव करते हुए लगातार ब्रिटेन आक्रमण को विफल किया।
दबाव में उनका संयम टीम के रक्षात्मक ढांचे को बनाए रखने और खेल को अपनी पहुंच में रखने में सहायक रहा।
भारत को बढ़त कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को सटीकता से गोल में बदल कर दिलाई।
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हालांकि ब्रिटेन के ली मॉर्टन ने हाफ-टाइम से ठीक पहले स्कोर बराबर कर दिया जिससे दूसरे हाफ में रोमांच की स्थिति पैदा हो गई। ब्रिटेन टीम ने लगातार जीत के लिए दबाव बनाना जारी रखा, लेकिन श्रीजेश अभेद्य बने रहे और हर बचाव में अपनी चपलता और अनुभव का प्रदर्शन किया।
जैसे-जैसे मैच शूट-आउट की ओर बढ़ा टीमों पर दबाव बढ़ता गया। यहीं पर श्रीजेश की प्रतिभा की असली झलक देखने को मिली। उच्च दबाव की स्थितियों को संभालने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाने वाले अनुभवी गोलकीपर ने ब्रिटेन के एक प्रयास को बचा लिया, जिससे भारत के पक्ष में स्थिति प्रभावी रूप से बदल गई। इस बीच भारतीय खिलाड़ियों ने अपने सभी चार शूट-आउट प्रयासों को सफलतापूर्वक सफल बनाते हुए दृढ़ संकल्प का परिचय दिया।
श्रीजेश के शूट-आउट में असाधारण प्रदर्शन और उनके समग्र रक्षात्मक प्रदर्शन ने भारत को सेमीफाइनल में जगह दिलाई। उनके प्रयासों ने न केवल टीम के मनोबल को बढ़ाया है बल्कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की कांस्य पदक जीत के बाद पोडियम फिनिश की उम्मीदों को भी फिर से जगा दिया है।
Paris olympics : भारतीय हॉकी प्रशंसकों के लिए इस मैच में श्रीजेश के प्रदर्शन को एक निर्णायक क्षण के रूप में याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व, कौशल और अटूट संकल्प ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उन्हें खेल में सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में से एक क्यों माना जाता है।