बलरामपुर, छत्तीसगढ़। राज्य के दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का एक और मामला सामने आया है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के सोनहत गांव में एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसका प्रसव हो गया। महिला पैदल ही नदी पार कर रही थी, क्योंकि गांव तक न एम्बुलेंस पहुंचती है और न ही पक्की सड़क या पुल की सुविधा उपलब्ध है।

घटना के बाद नवजात और प्रसूता को गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित रघुनाथनगर सिविल अस्पताल ले जाया गया, वह भी मोटरसाइकिल पर बैठाकर। फिलहाल दोनों अस्पताल में भर्ती हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बरसात में पुल न होने की वजह से गांव का संपर्क मुख्य सड़क से कट जाता है। ऐसे में मरीजों को अस्पताल ले जाना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। यह इलाका आदिवासी बहुल है और पंडो जनजाति के लोग यहां निवास करते हैं।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आदिवासी और सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं कब तक उपेक्षित रहेंगी। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आम लोगों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है।
प्रशासन की ओर से अब तक इस मामले में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।