Padma Shri Award : जेल में बंद 400 से अधिक नक्सल बंदियों का जीवन संवारने वाले अजय मंडावी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद चारामा नगर में किया गया भव्य स्वागत

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Padma Shri Award जमकर आतिशबाजी की गई,फूल मालाओं से किया गया उनका स्वागत 

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Padma Shri Award चारामा !  जिले के ग्राम गोविंदपुर निवासी काष्ठ कला से जेल में बंद 400 से अधिक नक्सल बंदियों का जीवन संवारने वाले अजय मंडावी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मान मिलने के बाद चारामा नगर में नगरवासियों के द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।

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Padma Shri Award उनके स्वागत पर जमकर आतिशबाजी की गई,फूल मालाओं से उनका स्वागत किया गया।जिसके बाद वे। सभी के साथ नगर के रामप्रसाद पोटाई चौक पहुंचे, जहां उन्होंने उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे प्रणाम किया,सभी का धन्यवाद दिया और कांकेर की और रवाना हो गए।

Padma Shri Award अजय मंडावी 2005 से काष्ठ कला के क्षेत्र में कार्य करते आ रहे हैं। 2010 में तत्कालीन कलेक्टर एन के खाखा ने उन्हें जेल में बंद कैदियों को काष्ठ कला सिखाने का निवेदन किया था। जिसके बाद से अजय मंडावी कैदियों को काष्ठ कला सिखाते आए हैं।

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Padma Shri Award अजय मंडावी ने जिन कैदियों को काष्ठ कला सिखाई, उनमें से ज्यादातर नक्सल मामलों में बंद विचाराधीन कैदी थे। लगभग 400 ऐसे नक्सली जो कि कभी हाथ में बन्दूक लेकर खून की होली खेला करते थे, वे अब अजय मंडावी से काष्ठ कला सीखकर अपने हाथ के हुनर से अपना जीवन हंसी-खुशी जी रहे हैं।

अजय मंडावी बताते हैं कि बचपन में खिलौने बनाने की कोशिश ने उन्हें काष्ठ कला सिखा दी और पता ही नहीं चला कि कब वे इस काबिल बन गए कि दूसरों को भी काष्ठ कला सिखाने लगे।

Padma Shri Award उन्होंने बताया कि जिन विचाराधीन बंदियों को उन्होंने काष्ठ कला सिखाई, वे सभी आज अपना जीवन इसी हुनर के सहारे बिता रहे हैं और बुरे कामों को छोड़ चुके हैं। वे सभी आज भी उनके संपर्क में रहते हैं।उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय परिवार और मित्रों को दिया हैं।

पद्मश्री सम्मान मिलने को लेकर उन्होंने कहा कि वे इसका श्रेय अपने परिवार और मित्रों को देते हैं, क्योंकि जीवन के हर मोड़ पर इन लोगों ने ही उनका सहयोग किया और उन्हें आगे बढ़ने में मदद की, तब जाकर वे आज इस मुकाम पर पहुंच सके हैं।

अजय मंडावी बताते हैं कि बचपन में खिलौने बनाने की कोशिश ने उन्हें काष्ठ कला सिखा दी और पता ही नहीं चला कि कब वे इस काबिल बन गए कि दूसरों को भी काष्ठ कला सिखाने लगे।

राष्ट्रपति के कार्यालय में लगी है अजय की बनाई कलाकृति

 

अजय मंडावी के द्वारा लकड़ी से शब्दों को उकेरकर राष्ट्रगीत तैयार किया गया, जो राष्ट्रपति कार्यालय में लगाया गया है। इसके साथ ही अन्य कई सरकारी दफ्तरों में भी उनकी बनाई कलाकृति शोभा बढ़ा रही है।

प्रदेश के ज्यादातर सरकारी दफ्तरों में लकड़ी पर उकेरी गई अजय मंडावी की कलाकृति देखने को मिल जाती है।उनके इस स्वागत के दौरान पूर्व विधायक ब्रम्हा नंद नेताम,सतीश लाटिया, नंद कुमार ओझा,प्यारे देवांगन नगर पंचायत अध्यक्ष,प्रकाश जोतवानी,उमा शर्मा,धर्मेंद्र कुंजाम,ओम प्रकाश साहू,दिनेश देवांगन,उत्तम साहू,देवेंद्र सिन्हा,रवि सिन्हा,देव कोशरिया, रुक्मणि उइके,जय श्री सिन्हा,तरुण देवदास,गोपाल दुर्गासी,जनक सिन्हा, कृष्ण कुमार गंजीर, बेनू सुकदेवे,धर्मेंद्र साहू,सहित बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित रहे।

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